मौसम की मारः औली में शीतकालीन खेलों को लेकर बनी संशय की स्थिति, कही फिर न लटक जाए विंटर गेम

January 28, 2019 | samvaad365

विश्व प्रसिद्ध हिम क्रिडा स्थली औली में प्रस्तावित शीतकालीन खेलों को लेकर एक बार भी आशंकाओं के बादल घिरने लगे हैं। विंटर गेम्स एसोसिएशन की ओर से यहां आगामी फरवरी महीने में जूनियर अल्पाइन नेशनल स्कीइंग प्रतियोगिता का आयोजन प्रस्तावित किया गया है। लेकिन जिस तरह से मौसम करवट बदल रहा है और औली में लगी कृत्रिम बर्फ बनाने की मशीने बर्फ नहीं बना पा रही है उससे एक बार फिर आयोजन को लेकर शंका की स्थिति पैदा हो गई है।

औली में बीते पांच सालों से लगातार राष्ट्रीय औऱ अंतर्राष्ट्रीय खेलों के आयोजन की तैयारियां की जा रही हैं। लेकिन यहां बर्फ न पडने और करोडों रूपये की लागत से लगी कृतिम बर्फ बनाने की मशीनों से बर्फ न बनने के कारण दो बार फिश रेस, दो बार नेशनल प्रतियोगिताएं और साल 2017 में जूनियर एशियाड गेम्स को रद्द करना पडा है। जबकि सरकार ने यहां नौ साल पहले आयोजित सेफ गेम्स से पहले आर्टिफीशिलय बर्फ बनाने वाली करीब नौ करोड की मशीनें लगाई गई थी। मगर इन मशीनों से कृतिम बर्फ न बनने के कारण और समय पर बर्फबारी न होने से आयोजन को रद्द करना पड रहा है। जहां मशीनों का संचालन करने वाले अधिकारी अनुकूल मौसम न होने के चलते मशीनों से बर्फ न बन पाने की बात कह कर पल्ला झाड रहे हैं। वहीं लोग मशीनों की गुणवत्ता को लेकर सवाल उठा रहे हैं। ऐसे में अब औली में इस वर्ष आयोजित होने वाली जूनियर अल्पाइन नेशनल स्कीइंग प्रतियोगिता के आयोजन को लेकर भी संशय की स्थिति बन गई है। जिससे स्कीइंग प्रेमियों में भी मायूसी छायी हुई है।  

औली स्कीइंग स्लोप पर लगाई अर्टीफीशियल स्नो मेकिंग मशीन को बर्फ बनाने के लिये निर्धारित तापमान की आवश्कता होती है। लेकिन इन दिनों मौसम में आये बदलाव के चलते मशीनें बर्फ नहीं बना पा रही हैं। वहीं मौसम ने साथ दिया तो मशीनों से बर्फ बनाकर फरवरी में आयोजित होने वाले खेलों का आयोजन किया जाएगा।

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चमोली/पुष्कर नेगी 

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