मंगलवार को एम्स ऋषिकेश में विश्व एड्स दिवस पर एचआईवी वायरस से ग्रसित मरीजों की समग्र जांच और उपचार के लिए एंटी रिट्रोवायरल थैरेपी सेंटर( एआरटी सेंटर) विधिवत शुरू हो गया. एम्स में खुले सेंटर में गढ़वाल मंडल के विभिन्न जिलों के पंजीकृत एड्स मरीजों को निशुल्क उपचार मिल सकेगा.
वहीं एड्स दिवस के मौके पर AIIMS में आसपास के क्षेत्रों से आए एचआईवी से ग्रस्त मरीजों को एड्स के प्रति जागरुक भी किया गया. एम्स निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत ने एंटी रिट्रोवायरल थैरेपी एआरटी सेंटर का शुभारंभ करते हुए बताया कि 2019 में विश्वभर में लगभग 6 लाख 90 हजार लोगों की मौत हुई है। उन्होंने बताया कि इस बीमारी का कोई शर्तिया इलाज नहीं है लिहाजा इसे सिर्फ जनजागरूकता से ही रोका जा सकता है.
सरकार के नए दिशा- निर्देश के अनुसार एड्स से ग्रसित हर व्यक्ति का उपचार जरूरी है, चाहे वह बीमारी की किसी भी अवस्था में हो. निदेश रविकांत ने AIIMS में एमबीबीएस,टेक्निशियन और नर्सिंग के पाठ्यक्रम में इस बीमारी को आवश्यक सुधार के साथ सम्मिलित किया जाने की बात कही. साथ ही उनहोंने समय-समय पर एम्स की सोशियल आउटरीच सेल के द्वारा विभिन्न हाईरिस्क ग्रुप्स को एड्स के बारे में जागरूक करने की भी बात कही.
वहीं इस अवसर पर संस्थान के सर्जरी विभागाध्यक्ष डा.सोमप्रकाश बासू ने सर्जरी के दौरान निडिलस्टिक इंजरी को रोकने व इससे बचाव के उपाय बताए। बालरोग विभागाध्यक्ष प्रो. नवनीत बट्ट ने इस बीमारी को माता पिता से बच्चों में संक्रमण होने से बचाव की जानकारी दी।
एम्स में स्थापित एआरटी सेंटर के अंतर्गत रजिस्टर्ड एचआईवी पेशेंट का ट्रीटमेंट निशुल्क किया जाएगा। जिसमें मरीजों को लैब इन्वेस्टीगेशन और दवाएं उपलब्ध कराई जाती हैं साथ ही उपचार के दौरान उनमें उत्पन्न होने वाली दूसरी बीमारियों का परीक्षण व दवा भी इसमें शामिल होती हैं। एम्स ऋषिकेश में उत्तराखंड राज्य का चौथा एआरटी सेंटर स्थापित किया गया है। जबकि इससे पूर्व देहरादून, हल्द्वानी और पिथौरागढ़ में एंटी रिट्रोवायरल थैरेपी सेंटर स्थापित किए जा चुके हैं। इसके बाद अगला एआरटी सेंटर हिमालयन अस्पताल में प्रस्तावित है.
(संवाद 365/डेस्क)
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