जनपद चमोली के दूरस्थ ब्लॉक नागनाथ पोखरी का सलना गांव सड़क जैसी मूलभूत सुविधाओं से जूझ रहा है ग्रामीण सरकार से एक उम्मीद लगाए बैठे थे की सड़क आएगी. 2017 में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने भी सलना मोटरमार्ग के लिए घोषणा की थी. लेकिन सड़क नहीं आई और देखते-देखते ग्रामीण थक गये.
70 परिवार की आबादी वाले सलना गांव में 600 की जनसंख्या है और आज ग्रामीणों ने मजबूर होकर अपने गांव में चंदा इक्कठा कर 1 किलोमीटर सड़क काट दी. जिसमे ग्रामीणों के 10 लाख रुपये अभी तक खर्च हो गए हैं. ग्रामीणों ने सरकार के इस कुतन्त्र पर आरोप लगाया है की आज तक ना कोई सरकार के नुमाइंदा मदद करने के लिए और ना ही कोई उनकी सुध लेने के लिए आया.
ऐशे में ग्रामीण दिन रात श्रमदान कर सड़क निर्माण का कार्य कर रहे हैं जिन्होंने सरकारी तंत्र को आईना दिखाया है ग्रामीणों ने कहा यदि सरकार जल्द ही इस पर कुछ कार्रवाई नहीं करती हैं तो आगामी 2022 में वोट का बहिष्कार करेंगे, वहीं लोग सलना की ग्रामीणों के इस सँघर्ष के लिए शाबाशी दे रहे हैं.
(संवाद 365/संदीप बर्थवाल)
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