देहरादून: कांग्रेस पार्टी ने राज्य में कोरोना काल में प्रवासियों व अन्य फंसे हुए यात्रियों को उनके गंतव्य तक पहुंचाने वाले परिवहन विभाग के ड्राइवर क्लीनर के यात्रा के दौरान भोजन चाय नाश्ते के एडवांस पैसे कर्मचारियों के वेतन से काटने के परिवहन विभाग के फैसले को न केवल गलत बताया बल्कि इसे उन कोरोना वारियर्स का अपमान बताया जो अपनी और अपने परिवार की जान खतरे में डाल कर कोरोना के खिलाफ जंग में फ्रंट फुट पर खेल रहे हैं। आज प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में पत्रकारों से बातचीत में उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने इसे राज्य सरकार की इस संवेदनहीनता करार देते हुए कहा कि जब चुने हुए राज्य के जनप्रतिनिधि इस कोरोना काल में मौत के डर से सोशल डिस्टेंसिन्ग का बहाना बना कर वर्क फ्रॉम होम कर रहे हैं तब कोरोना वारियर्स जिसमें डॉक्टर, नर्स, क्लिनिकल स्टाफ, पुलिस कर्मी, परिवहन के ड्राइवर क्लीनर, सफाई कर्मी, पीआरडी व होम गॉर्ड के जवान अपनी व अपने परिवार की जान खतरे में डाल कर जन सेवा व राष्ट्र सेवा करने में लगे हैं और सरकार इनको कुछ अलग तरह से पुरस्कृत करने की बजाय इनसे ड्यूटी के दौरान दिए गए भोजन के पैसे मांग रही जो कि अत्यंत शर्मनाक है। धस्माना ने कहा कि आज सुबह ही रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद जिसके वे संरक्षक हैं कि पदाधिकारियों का इस बाबत फोन आया और उन्होंने इसकी पूरी जानकारी दी। धस्माना ने कहा कि परिवहन विभाग को अपना आदेश बदलना पड़ेगा और अगर वे भोजन के लिए दिया एडवांस कर्मचारियों की पगार से काटते हैं तो कांग्रेस इस मसले पर चुप नहीं बैठेगी। धस्माना ने मांग की कि कर्मचारियों के भोजन का पैसा अगर परिवहन विभाग को लेना ही है तो उसका भुगतान मुख्यमंत्री राहत कोष से किया जाय। धस्माना ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से मांग की कि वे छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री की तरह अब तक मुख्यमंत्री राहत कोष में इस कोरोना काल में कितना धन आया उसका ब्यौरा जनता के समक्ष रखें। धस्माना ने कहा कि इस कोष का एक एक पैसा इस संकट से निपटने के कार्यों व गरीब असहाय लोगों की मदद में ही होना चाहिए।
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संवाद365