बागेश्वर: 30 दिन में ही टूट गया मनरेगा से बना पुल

August 8, 2020 | samvaad365

बागेश्वर: बागेश्वर जनपद के गरुड़ ब्लॉक स्थित चौरसों के नदी में मनरेगा से बनी पुल बनने के 30 दिनों में ही टूट गयी। 40 फिट लम्बे स्पान व मैटीरियल की गुणवत्ता में कमी के चलते पुल के ध्वस्त होने की बात सामने आ रही है। कहा जा रहा है कि पुल जूनियर इंजीनियर की लापरवाही के चलते क्षतिग्रस्त हुआ है लेकिन विभाग इंजीनियर की कमी को छुपाने में लगा है।

पुलिया में घटिया मेटेरियल व बनाने के ढांचे पर जब मिस्त्री से बात की गई तो मिस्त्री ने बताया कि मनरेगा के जेई द्वारा सामने रहते हुए मैटीरियल व ढांचे जैसे बनवाये गए हमने वैसे ही कार्य किया।

वहीं खण्ड विकास अधिकारी ने बताया कि यह पुल मनरेगा द्वारा 3 लाख की लागत से बना था। जिस दिन पुलिया में सीमेंट डाला गया उसी दिन किसी असमाजिक तत्व द्वारा पुलिया के नीचे से उसकी स्ट्रींग में लगे स्पोटर खिसका दिए। जिस कारण आज स्ट्रींग खुलने के दौरान ही पुलिया टूट गयी। पुल निर्माण के 30 दिनों के भीतर टूटने से ग्रामीणों में भारी रोष है। गरुड़ निवासी हइकोर्ट के अधिवक्ता डीके जोशी ने जिलाधिकारी को पत्र भेज कर मामले की जांच कर संबंधित ठेकेदार व जेई के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।

ऐसे में चाहे विभागीय अधिकारी मामले में अपने कर्मचारियों को बचाने की लाख कोशिश कर लें लेकिन नवनिर्मित पुल का 30 दिनों के भीतर ध्वस्त होना निर्माणदायी संस्था की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करता है।

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संवाद365/हिमांशु गढ़िया

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