कौशांबी: बैंकों से पैसा निकालना आसान हो रहा है पासबुक, एटीएम तो दूर की बात रही खाते में आधार लिंक होने पर पैसे अब मात्र अंगूठा रखने पर ही निकाला जा सकता है और इसके लिए बैंकों की मुख्य शाखा पर भी जाना जरूरी नहीं है क्योंकि बैंकों ने लोगों की सुविधा के लिए अपनी टाइनी शाखा, सहज केंद्र को यह अधिकार दे रखा है.
मगर जंहा एक तरफ तकनीकी रूप से विकास हो गया है तो वन्ही कौशाम्बी में विकास नाम के एक युवक ने सैकड़ों लोगों की जिंदगी में अंधेरा छा दिया है.
कौशाम्बी में एक बड़ा बैंक घोटाला हुवा है जिसमें सैकड़ों लोगों के बैंक अकाउंट से करोड़ों रुपये निकाल लिया गया है. कौशाम्बी के थाना कड़ाधाम के दारानगर का रहने वाला विकास मिश्रा नाम का शख्स बैंक ऑफ बड़ौदा की टाइनी शाखा का संचालक है. आरोप है की मिश्रा जिसने दारानगर में अपनी शाखा खोली है वो पिछले दो साल से विकास मिश्रा लोगों के खाते से लगातार पैसे अपने खाते में ट्रांसफर कर रहा था जिसकी खबर मिलते ही इलाके भर मे हलचल पैदा हो गई.
विकास मिश्रा के ब्रान्च में जो भी खाता धारक जाता था उसके अंगूठे को मशीन पर रखवा लेता था और उसे यह कहकर वापस भेज देता था कि अभी सर्वर ख़राब है. दारानगर में मुख्य बैंक है जिस कारण यँहा हज़ारों की संख्या में लोग लेनदेन करने आते हैं और बैंक कर्मियों की कामचोरी के कारण ज्यादातर लोगों को बैंक विकास की शाखा भेज देता था. विकास की शाखा में जो कोई पैसे जमा भी करने जाता था तो वह पैसे लेकर उसे फ़र्जी रशीद थमा दिया करता था.
इतना ही नहीं लोग अपना बिजली का बिल जमा कराने के लिए जाते थे तो वह उसे भी नहीं जमा करता था.
विकास मिश्रा के काले कारनामों कि पोल जब खुली तो इलाके भर में हड़कम्प मच गया थाना, सीओ और एसपी के पास लगातार शिकायत विकास के धोखाधड़ी की पिछले दस दिन से लगातार आ रही है.
फतेशाह पूरा की रहने वाली मैरून के 3 बेटे सऊदी अरब में रहते हैं जो अपनी माँ को लगातार पैसे भेजते हैं अब सामने ये निकल कर आया है की आरोपी विकास उनके खाते से पांच लाख रुपये से ज्यादा की रक़म ग़ायब कर दी.
मनीषा देवी का पति भी परदेस में रहकर उसके खाते में पैसे भेजता है मनीषा की ननद की शादी होने वाली थी उसके खाते में डेढ़ लाख रुपए थे जब शादी करीब आई तो वह पैसे निकलवाने के लिए कई बार विकास के ब्रान्च गई बस अंगूठा रखवाकर वापस भेज देता था उसको अचानक पता चला कि विकास ने उसका पूरा पैसा निकाल लिया है. अब मनीषा ने ननद की शादी के लिए लोगों से उधार और भीख मांगना शुरू कर दिया है.
इसी तरह बदरूल हक नाम के शख्स ने अपनी गाड़ी के लिए साठ हजार रुपए आरोपी विकास को ट्रांसफर के लिए दिया जो उसे भी हड़प गया. इतना ही नहीं मनरेगा में काम करने वाली दर्जनों महिलाओं के साथ भी धोखाधड़ी हुई है.
वहीं इस पूरे मामले में कई लोगों भूमिका संदेश जनक है. इलाकाई पुलिस पर भी आरोप है की उनहे आरोपी की जानकारी पहले से ही मिली थी लेकिन पुलिस ने आरोपी विकास को नहीं पकड़ा. इसी तरह बैंक कर्मचारियों को भी संदिग्ध माना जा सकता है क्योंकि विकास की यह साखा जिस जगह पर खुली है वह गलत है और बैंक खुद लेनदेन न करके विकास के पास भेजता था.
आपको बता दें कि आरोपी विकास का पिता अजय मिश्रा एक शातिर व्यक्ति है जिसके खाते में विकास ने हालहि में 25 लाख रुपये ट्रांसफर किया हैं, अपने परिवार में अन्य लोगों के भी खातों में भी आरोपी विकास ने बड़ी रकम ट्रांसफर की है.
वहीं अब बैंक अपना पल्ला झाड़ते हुए कहा रहा है की उनहोंने रीजनल ऑफिस को सूचना दे दी है औऱ उसके टाइनी शाखा का कोड बन्द कर दिया है.
इस पूरे मामले पर पुलिस अधीक्षक ने कहा की विकास मिश्रा सहित इस मामले में जुड़े लोगों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी. उनहोंने कहा की आरोपी विकास मिश्रा की संपत्ति कुर्क करके लोगों को उनका पैसा दिया जाएगा.
फ़िलहाल विकास मिश्रा और उसका पिता अजय मिश्रा घर छोड़कर फरार चल रहे हैं. दोनों की तलाश में पुलिस लगातार छापे मार रही है.
(संवाद365/नितिन अग्रहरि)