चमोली: मंत्रो उच्चारण एवं विधि-विधान के साथ खुले प्रसिद्ध वांण लाटू धाम के कपाट

April 26, 2021 | samvaad365

चमोली: सोमवार को मंत्रो उच्चारण एवं विधि-विधान के साथ प्रसिद्ध वांण लाटू धाम के कपाट आम श्रद्धालुओं के लिए 6 माह के लिए खोल दिया गए हैं वाण स्थित लाटू धाम के कपाटोत्सव में प्रदेश के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कपाट खुलने की तमाम धार्मिक परंपराओं में समलित हो कर प्रदेश एवं देश की खुशहाली के लिए प्रार्थना की.

पूर्व प्रस्तावित कार्यक्रम के तहत बैसाख पूर्णिमासी के पावन पर्व पर सोमवार को पवित्र लाटू धाम के कपाट खोले गए. कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज तय कार्यक्रम के अनुसार सुबह करीब 11 बजकर लोहाजंग हैलीपैड पर उतरे जहां से उनका काफिला वाण को रवाना हुआ मंत्री महाराज के साथ इस दौरान थराली विधायक मुन्नी देवी शाह और देवाल के ब्लॉक प्रमुख दर्शन दानू सहित अन्य भाजपा कार्यकर्ता भी मौजूद रहे.

हवन-यज्ञ और अन्य पारंपरिक पूजा-अर्चना के बाद शुभ लग्नानुसार दोपहर 1 बजें मंदिर के बहारी कपाटों को खोलते हुए इस मंदिर के रहस्यमयी गर्भगृह का कपाट खोला गया।इस दौरान मंदिर के मुख्य पुजारी खीम सिंह ने आंखों में पट्टी बांध कर रहस्यमयी गर्भगृह में विशेष पूजा-अर्चना की। इसके बाद मंदिर परिसर में लोक स्तुति के तहत झोड़ो का आयोजन किया गया।इन झोड़ो में देवस्तुती के दौरान कई लोगों पर नंदा भगवती,लाटू सहित कई अन्य देवी,देवता अवतारित हुए। जिन्होंने नाचते हुए श्रद्वालुओं को आर्शिवाद दिया.

लाटू धाम के कपाटोउद्वघाटन के इस ऐतिहासिक मौके पर यहां पहुंचे कैबिनेट मंत्री महाराज ने यहां पर करीब पौने दो घंटों तक पूजा-अर्चना कर देश एवं राज्य के विकास, खुशहाली, समृद्धि ,निरोगिता की मां नंदा भगवती, लाटू देवता सहित अन्य देवी-देवताओं से प्रार्थना की। महाराज ने सभी पूजाओं में प्रतिभाग करने के साथ ही ग्रामीण महिला एवं पुरूषों के द्वारा लगाए एवं गाये जाने वाले झोड़ो में भी शिरकत की.

महाराज ने मीडिया से बातचीत में कहा कि क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों द्वारा थराली से वाण मोटरमार्ग को चौड़ीकरण और डामरीकरण के साथ ही बीआरओ को इस मोटरमार्ग को सौंपने की मांग की है उसके लिए वे स्वयं केंद्र सरकार और सड़क परिवहन मंत्री से मिलकर बातचीत करेंगे साथ ही उन्होंने कहा कि बुग्यालों में पर्यटन की अपार संभावना को देखते हुए बुग्यालों को कुछ शर्तो के साथ पर्यटन के लिए खुलवाने के लिए वे प्रयासरत रहेंगे  ताकि पर्यटन के साथ साथ बुग्यालों को भी नुकसान न हो.

(संवाद 365, हिमांशु गड़िया)

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