सहित्यकार मंगलेश डबराल के निधन पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने जताया शोक, मूल रूप से टिहरी के काफलपानी गांव के थे डबराल

December 10, 2020 | samvaad365

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने साहित्य अकादमी पुरस्कार विजेता, हिंदी भाषा के प्रख्यात लेखक कवि और पत्रकार मंगलेश डबराल के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है. उन्होंने मंगलेश डबराल के निधन को हिन्दी साहित्य को एक बङी क्षति बताते हुये दिवंगत आत्मा की शांति और शोक संतप्त परिवार जनों को धैर्य प्रदान करने की ईश्वर से प्रार्थना की है.

वहीं उत्तराखंड विधानसभा ने भी मंगलेश डबराल के निधन पर शोक जताया.  उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने गहरा शोक व्यक्त करते हुए कहा की डबराल का निधन हिंदी साहित्य जगत में अपूरणीय क्षति है.

विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि साहित्यकार मंगलेश डबराल अपनी कविताओं, गद्य और अनुवाद के कारण साहित्य जगत में विशेष पहचान रखते थे।उनके प्रसिद्ध रचनाओं में ‘पहाड़ का लालटेन’,’ घर का रास्ता’ जैसे कहीं साहित्य सम्मिलित थे. विधानसभा अध्यक्ष ने उनकी आत्मा की शांति की प्रार्थना करते हुए उनके परिजनों एवं शुभचिंतकों को अपनी संवेदना व्यक्त की.

बता दें की बुधवार की शाम हृदय गति रुकने से कवि और साहित्यकार मंगलेश डबराल का 72 वर्ष की उम्र में निधन हो गया था. एम्स में पिछले कई दिनों से उनका इलाज चल रहा था. उनका जन्म 16 मई, 1948 को टिहरी गढ़वाल के काफलपानी गांव में हुआ था.

मूल रूप से उत्तराखंड के निवासी डबराल जनसंस्कृति मंच के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी रहे। अपनी कविताओं, गद्य और अनुवाद के कारण साहित्य जगत में विशेष पहचान बनाने वाले साहित्य अकादमी से पुरस्कृत इस साहित्यकार के निधन पर लोगों ने गहरा शोक व्यक्त किया है। वर्ष 2000 में इन्हें साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला था. उनके परिवार में पत्नी संयुक्ता, बेटा मोहित तथा बेटी अल्मा हैं.

(संवाद 365/डेस्क)

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