चमोली की गौरा देवी के नेतृत्व में हुआ था चिपको आंदोलन

March 27, 2019 | samvaad365

चमोली में 26 मार्च 1974 को रैणी गांव में गौरा देवी के नेतृत्व में चिपको आंदोलन हुआ था। आज ग्राम पंचायत रैणी और लाता में बांज और अंगूर के पेड़ों का संयुक्त जंगल है जोशीमठ से करीब 27 किलोमीटर की दूरी रैंणी गांव स्थित है आज भी रैणी गांव की महिलाएं जंगल को संवारने और उनको देख रेख के लिए हमेशा आगे रहती है । आज भी चिपको आंदोलन से जुड़ी बाली देवी ने बताया कि जब साइमन कमीशन के लोगों के जंगल में अंगूर के पेड़ काटने के लिए आते थे तो गांव की महिलाएं रात भर जंगल को बचाने के लिए बैठक करती थी। गौरा देवी महिलाओं के जंगल बचाने के लिए प्रेरित करती थी आज ग्रामीण इसी जंगल से पशुपालन का कृषि करते हैं । जंगल की अपने परिवार का हिस्सा मानती है प्राकृतिक पानी के स्रोत जिंदा है और सभी लोग इसी जंगल पर निर्भर है। जंगल को बचाने के लिए पहाड़ी क्षेत्रों की महिलाएं आज भी निरंतर संघर्ष कर रही है।

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चमोली/पुष्कर नेगी

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