जानलेवा हुआ डेंगू… डेंगू शॉक सिंड्रोम के मरीजों को हो सकता है जान का खतरा, पढ़ें पूरी खबर..

August 27, 2019 | samvaad365

देहरादून: एक छोटा सा मच्छर इंसान के लिए कितना जानलेवा हो सकता है इसका अंदाज प्रदेश में बढ़ रही डेंगू के मरीजों की संख्या को देखकर लगाया जा सकता है। प्रदेश में लगातार डेंगू के मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। वहीं अब ये बीमारी पहले से भी ज्यादा खतरनाक हो गई है। दरअसल, डेंगू शॉक सिंड्रोम के चलते कई मरीजों की जान भी जाती है, और प्रदेश में भी अब डेंगू शॉक सिंड्रोम के मामले सामने आ रहे हैं। डेंगू की बीमारी के भी कई प्रकार होते हैं जिनमें से डेंगू शॉक सिंड्रोम बेहद जानलेवा होता है। अगर कोई मरीज इसकी चपेट में आता है तो उसका बचना मुश्किल हो जाता है।

डेंगू के तीन प्रकार

क्लासिकल डेंगू- ये डेंगू का शुरुआती रुप होता है। इस साधारण डेंगू में अचानक तेज बुखार आने लगाता है। सिरदर्द, मांसपेशियों व च्वाइंट में दर्द होता है। आंखों के पिछले हिस्से में भी दर्द महसूस होने लगता है। मरीज को कमजोरी और भूख न लगने जैसी तकलीफ होने लगती है। गले में हल्का दर्द, शरीर पर किसी भी हिस्से में लाल-गुलाबी चकत्ते या रैशेज हो जाते हैं। डेंगू का यह बुखार 5 से 7 दिन तक रहता है।

हैमरेजिक डेंगू: साधारण डेंगू बुखार के लक्षणों के साथ-साथ नाक और मसूड़ों से खून आना, शौच के दौरान और उल्टी के साथ ब्लड आना। चमड़ी पर नीले-काले रंग के छोटे-छोटे या बड़े चकत्ते उभर आते हैं।

डेंगू शॉक सिंड्रोम: इन लक्षणों के साथ-साथ यदि मरीज को बहुत अधिक बैचेनी, तेज बुखार, चमड़ी पर ठंडक महसूस होना, होश खोने जैसी स्थिति, मरीज की नाड़ी कभी तेज, कभी धीरे चलना, ब्लड प्रेशर एकदम से नीचे चला जाना भी इसके लक्षण हैं। यह काफी खतरनाक स्थिति तक मरीज को पहुंचा सकता है। ये जानलेवा भी हो सकता है।

प्रदेश में डेंगू के कुल मामले 580 हैं वहीं राजधानी दून में 562 मरीज डेंगू की चपेट में हैं। डेंगू को लेकर गांधी शताब्दी नेत्र चिकित्सालय के वरिष्ठ फिजीशियन डॉ. प्रवीण पंवार के अनुसार ज्यादातर लोगों को साधारण डेंगू ही होता है, जो उपचार लेने व कुछ परहेज करने से ठीक हो जाता है। उन्होंने बताया कि डेंगू हैमरेजिक व शॉक सिंड्रोम गंभीर श्रेणी में आता है। शुरुआत में सामान्य-सा लगने वाला यह बुखार देरी या गलत इलाज से जानलेवा साबित हो सकता है। बहरहाल, अगर आपको डेंगू का एक भी लक्षण महसूस हो रहा हो तो देरी न करें फौरन डॉक्टर से इस बारे में बात करें। क्योंकि अब डेंगू महज डेंगू नहीं रहा यह जानलेवा डंगू बन चुका है।

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संवाद365/काजल

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