देहरादून: रविशंकर प्रसाद ने किया इन्क्यूबेशन केन्द्र का शिलान्यास, त्रिवेंद्र बोले देहरादून में बनेगी रोबोटिक लैब

November 28, 2020 | samvaad365

देहरादून: आईटीडीए में शुक्रवार को एसटीपीआई देहरादून इन्क्यूबेशन केन्द्र का शिलान्यास किया गया. शिलान्यास मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और केन्द्रीय इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने किया. केंद्रीय मंत्री दिल्ली से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जुड़े थे.

इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने घोषणा की कि देहरादून में जल्द ही एक रोबोटिक लैब की स्थापना की जायेगी जिसके लिए भूमि भी उपलब्ध है.

मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत और भारत सरकार के सूचना तकनीकी राज्यमंत्री संजय धोत्रे ने ई-वेस्ट स्टूडियो का भी उद्घाटन किया.

वहीं कार्यक्रम में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जुड़े केन्द्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि मैं देवभूमि उत्तराखण्ड से बहुत प्यार करता हूं और वहां के लोगों का बहुत सम्मान करता हूं. उत्तराखण्ड आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और भारत की सभ्यतागत संस्कृति का केन्द्र है. उनहोंने कहा की संस्कार, संस्कृति से टेक्नॉलाजी तक ये उत्तराखण्ड का परिचय होना चाहिए. उत्तराखण्ड के लोगों में कार्य करने की असीमित क्षमता और समर्पण की भावना है और मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र की अगुवाई में राज्य तेजी से आगे बढ़ रहा है.

वहीं मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र देहरादून इन्क्यूबेशन केन्द्र के शिलान्यास के लिए केन्द्रीय मंत्री रविशंकर का आभार व्यक्त किया. मुख्यमंत्री ने कहा कि आईटीडीए द्वारा सभी इलेक्ट्रिक वेस्ट का बेहतर इस्तेमाल किया जा रहा है.  टीम वर्क से इलेक्ट्रानिक वेस्ट को बैस्ट में बदलने का सराहनीय कार्य किया जा रहा है। आईटी पार्क ने 2019-20 में 150 करोड़ रूपये का व्यापार किया है. जिससे 2500 से अधिक लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार मिला है.

मुख्यमंत्री ने ये भी  कहा की एसटीपीआई देहरादून इन्क्यूबेशन केन्द्र बनने से स्टार्टअप को जो प्ले एण्ड प्लग की फैसिलिटी चाहिए वो उन्हें उपलब्ध होगी। इससे स्टार्टअप को और अधिक बढ़ावा मिलेगा.

आईटीडीए के निदेशक अमित कुमार सिन्हा ने ई-वेस्ट स्टूडियो के विषय में जानकारी देते हुए बताया कि ई-कचरा पुनर्चक्रण और निपटान के बारे में जन जागरूकता के उद्देश्य से  बना यह स्टूडियो पूरी तरह से पुनर्चक्रण किये हुए ई-कचरे से तैयार किया गया है.

कुमार ने बताया की इस स्टूडियो को बनाने के लिए एकत्रित किये गए ई-कचरे को दोबारा उपयोग कर 25 कंप्यूटर तैयार किये गए जिन्हें की देहरादून के 10 प्राथमिक विद्यालयों को  दिया गया.

(संवाद 365/डेस्क)

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