एमबीबीएस, दीक्षा जोशी के बाद इंटर्नशिप के दौरान दीक्षा को आया यूपीएससी देने ख्याल, सेल्फ स्टडी से हासिल की 19 वीं रैंक दीक्षा ने बताया कि तीन साल पूर्व एमबीबीएस की डिग्री हासिल करने के बाद इंटर्नशिप के दौरान पहली बार मन में प्रशासनिक सेवा की तैयारी करने का ख्याल आया। इसके बाद संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सेवा परीक्षा के लिए आवेदन किया।देश की सबसे कठिन कही जाने वाली यूपीएससी की परीक्षा पास कर हर साल अधिकारी बनने का सपना हर साल हजारों लाखों युवा देखते हैं, लेकिन सफलता उन्हीं लोगों को मिल पाती है जो अपने लक्ष्य को पाने के लिए दिन-रात एक कर मेहनत करते हैं। कई लोगों को पहले ही बार में सफलता मिलती है तो किसी को लंबा संघर्ष करना पड़ता है। पिथौरागढ़ की दीक्षा ने भी तीसरे प्रयास में सफलता हासिल कर आइएएस बनने के सपने को पूरा करके दिखाया है। दीक्षा को 19वीं रैंक मिली है।
एमबीबीएस के बाद इंटर्नशिप के दौरान दीक्षा को आया यूपीएससी देने ख्याल, सेल्फ स्टडी से हासिल की 19वीं रैंक.. दीक्षा ने बताया कि तीन साल पूर्व एमबीबीएस की डिग्री हासिल करने के बाद इंटर्नशिप के दौरान पहली बार मन में प्रशासनिक सेवा की तैयारी करने का ख्याल आया। इसके बाद संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सेवा परीक्षा के लिए आवेदन किया।
देश की सबसे कठिन कही जाने वाली यूपीएससी की परीक्षा पास कर हर साल अधिकारी बनने का सपना हर साल हजारों लाखों युवा देखते हैं, लेकिन सफलता उन्हीं लोगों को मिल पाती है जो अपने लक्ष्य को पाने के लिए दिन-रात एक कर मेहनत करते हैं। कई लोगों को पहले ही बार में सफलता मिलती है तो किसी को लंबा संघर्ष करना पड़ता है। पिथौरागढ़ की दीक्षा ने भी तीसरे प्रयास मैं सफलता हासिल कर आइएएस बनने के सपने को पूरा कर के दिखाया है। दीक्षा को 19 वीं रैंक मिली है।
दीक्षा ने बताया कि उनका बचपन से ही प्रशासनिक सेवा में जाने का सपना था, लेकिन कभी इस ओर ध्यान नहीं दिया कि इसकी तैयारी किस तरह करनी चाहिए। तीन साल पूर्व एमबीबीएस की डिग्री हासिल करने के बाद इंटर्नशिप के दौरान पहली बार मन में प्रशासनिक सेवा की तैयारी करने का ख्याल आया। इसके बाद पहली बार संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सेवा परीक्षा के लिए आवेदन किया। जिसमें वह असफल रहीं। इसके बाद उन्होंने फिर से इस परीक्षा के लिए आवेदन किया, लेकिन इस बार भी उन्हें असफलता हाथ लगी। बावजूद इसके उन्होंने हार नहीं मानी और एक बार फिर खुद को मोटिवेट कर तीसरा प्रयास किया। इस दौरान उन्होंने अपनी रणनीति बदली और उसके हिसाब से तैयारी करने में जुट गईं। इस बार किस्मत ने भी उनका साथ दिया और 19वीं रैंक के साथ उनका चयन हो गया।और 19वीं रैंक के साथ उनका चयन हो गया। प्रयास में सफलता हासिल कर आइएएस बनने के सपने को पूरा करके दिखाया है। दीक्षा को 19वीं रैंक मिली है।
संवाद 365, संदीप रावत