पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत तीरथ सरकार से खफा ..बदलते फैसलों पर जताई नाराजगी

April 11, 2021 | samvaad365

पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत वर्तमान सरकार तीरथ रावत से खफा नजर आई रहे हैं , पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र  रावत ने अब तीरथ सरकार द्वारा की जा रही तब्दीली पर अब सार्वजनिक रूप से नाराजगी जाहिर करनी शुरू कर दी है ,शनिवार को डिफेंस कॉलोनी स्थित आवास पर पत्रकारों से बातचीत में रावत ने कहा कि गैरसैंण कमिश्नरी बनाने का निर्णय ग्रीष्मकालीन राजधानी परिक्षेत्र के सुनियोजित विकास और भविष्य की सोच के साथ लिया गया था। हम चाहते थे कि यह कमिश्नरी गढ़वाल व कुमाऊं की मिली-जुली संस्कृति का नया प्रयाग बने।पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके द्वारा ये फैसले व्यापक जनहित में लिए गए। इनके पीछे ठोस आधार के साथ ही विधायकों की सहमति भी थी।गैरसैंण कमिश्नरी और देवस्थानम बोर्ड के अपनी सरकार के फैसले को लेकर शनिवार को उन्होंने न सिर्फ तर्क रखे, बल्कि इस बारे में तीरथ सरकार के नजरिये को नई सरकार की सोच और निर्णय बताया.

प्रदेश सरकार में परिवर्तन के बाद तीरथ सिंह रावत ने कमान संभाली तो पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के फैसलों को लेकर भी किंतु-परंतु के सुर उभरने लगे थे। खासकर, गैरसैंण कमिश्नरी की घोषणा पर विपक्ष तो पहले ही मुखर था, भाजपा के भीतर भी सुगबुगाहट थी। नेतृत्व परिवर्तन के बाद त्रिवेंद्र सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे डा.हरक सिंह रावत और राज्यमंत्री रेखा आर्य ने गैरसैंण कमिश्नरी को लेकर सवाल उठाए थे। कैबिनेट मंत्री रावत का यह तक कहना था कि इस घोषणा के बारे में कोई राय तक नहीं ली गई। यही नहीं, मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने भी जनभावनाओं के अनुरूप इस बारे में निर्णय लेने व देवस्थानम बोर्ड के संबंध में पुनर्विचार की बात कही। बीते रोज ही कैबिनेट ने गैरसैंण कमिश्नरी के निर्णय को स्थगित करने पर मुहर लगाई।इस परिदृश्य के बीच पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत न सिर्फ अपने फैसलों की पैरवी में उतरे हैं, बल्कि इनमें की जा रही तब्दीली पर उन्होंने सार्वजनिक रूप से नाराजगी भी जाहिर की है।

(संवाद 365/डेस्क)

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