शानदार: अपनी मेहनत से बंजर पहाड़ पर खड़ा कर दिया बगीचा

February 21, 2019 | samvaad365

एक तरफ मूलभूत सुविधाओं के अभाव में जहां पहाड़ से लोग लगातार पलायन कर रहे हैं वहीं यहां जो लोग बचे भी हैं वे जंगली जानवरों के आतंक के कारण लगातार खेती से विमुख होते जा रहे हैं यहीं कारण है कि बड़े पैमाने पर खेती बंजर का स्वरूप धारण कर रही है। लेकिन कुछ जूनूनी लोग ऐसे भी हैं

जो हम सब के लिए प्रेरणा बने हैं। कहते हैं मन में दृढ़ इच्छा शक्ति हो तो कुछ भी काम असंभव नहीं होता है। इसी परिपाठी को सार्थक किया है। विकास खण्ड जखोली के गवाणा.सेमलता गांव निवासी सोबत सिंह बागड़ी ने। उन्होंने बीहड़ पथरीले पहाड़ पर मेहनत का एक ऐसा बागवान खड़ा किया है जिसे देखकर आप भी उनकी तारीफ किए बिना नहीं रह सकते हैं। तस्वीरों में जिस हरे.भरे बागवान को आप देख रहे हैं यह पर्वत कभी सूखे रेगिस्तान की तरह नजर आता था। लेकिन दिल्ली पंजाब नेशनल बैंक में सीनियर मैनेजर के पद से सेवानिवृत्त हुए सोबत सिंह बागड़ी जब घर लौटे तो गांव की बंजर धरती उन्हें रास नहीं आई और उन्होंने इसे हरियाली में बदलने का संकल्प ले लिया।

साल 2014 में उन्होंने इस बेजान जमीन पर उद्यान विभाग की सलाह पर 200 आम के पेड़ लगाये समय समय पर खाद.पानी निराई.गुडाई करते रहे तो इस बेजान जमीन में जान आने लगी और इन पेड़ों में नई कोपलियां फूंटने लगी। इससे सोबत सिंह के मन में उम्मीद की किरण जगी तो उन्होंने अगले छ माह में फिर दो सौ पेड़ आम के लगा डाले और फिर यह क्रम निरंतर चलता रहा। वर्तमान में इस बगीचे में करीब 11 सौ आम के साथ ही कटहल नींबू शहतूत आदि के फलदार वृक्ष ऐसे तनकर खड़े हैं जैसे मानों पहाड़ से पलायन करने वाले लोंगों को आवाज दे रहे हो कि पहाड़ लौट आओं यहां कि मिट्टी सोना उगती है। सोबत सिंह कहते हैं कि आज भले ही आने वाले दिनों में यह बगीचा आमदनी का अच्छा स्रोत बन चुका है लेकिन उन्होंने इस बंजर भूमि को आबाद करना था।

इससे पूर्व इनके चाचा मोहन सिंह बागड़ी ने भी एक ऐसा ही बगीचा तैयार किया था। मोहन बागड़ी कहते हैं पहाड़ में रोजगार का सबसे अच्छा जरिया उद्यानीकरण और पशुपालन है जिससे युवा लाखों रूपये की आमदनी कमा सकते है लेकिन इस दिशा में बेहतर पहल करने की आवश्यकता है। जहां एक ओर पहाड़ के लोग जंगली जानवरों और मूलभूत सुविधाओं का हवाला देते हुए लगातर पहाड़ छोड़ रहे हैं वहीं सोबत सिंह और मोहन सिंह जैसे मेहनतकस लोग हर किसी के लिए प्रेरणा का स्रोत बने हुए हैं। जरूरत है हम सबको इसी तरह की अनोखी पहल करने की।

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रूद्रप्रयाग/कुलदीप राणा

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