राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने कहा कि कोरोना वायरस से फैली वैश्विक महामारी कोविड-19 की त्रासदी में जो बच्चे अनाथ हुए हैं उनके लिए दून विश्वविद्यालय में संचालित प्रत्येक पाठ्यक्रम में एक सीट इस सत्र में आरक्षित की जायेगी। यह सीट पूर्व से आवंटित सीटों के अतिरिक्त होगी।राज्यपाल ने कहा कि दून विश्वविद्यालय इस चेयर के माध्यम से राज्य में महिला सशक्तीकरण, सामाजिक न्याय, सामाजिक बदलाव, मानवाधिकार एवं जातिगत भेदभाव जैसे विषयों पर अनुसंधान एवं शिक्षण के लिए विशेष रूप से सक्रिय रहेगा।राज्यपाल मौर्य ने कहा कि भारतीय समाज के ताने-बाने की गहरी समझ रखने वाले बाबा साहेब ने संविधान में विभिन्न कानूनों का समावेश किया ताकि देश की सामाजिक, आर्थिक एवं राजनीतिक व्यवस्था सुचारू रूप से चल रही है। आज भी हम उस राष्ट्र के निर्माण में लगे हैं जिससे बाबा साहेब के सपनों का भारत बन सके। जहाँ लोग बिना छुआछूत, धर्म या जाति के भेदभाव के एक सम्मानित जीवन जी सकें। हमारे विश्वविद्यालयों का यह दायित्व है कि बाबा साहेब के सपनों को साकार करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएँ।राज्यपाल मौर्य ने कहा कि विश्वद्यालयों को लोक कलाओं, लोक संगीत एवं लोक संस्कृति के संरक्षण के लिये कार्य करना चाहिये।
संवाद365,डेस्क