कोरोना संकट के बीच केदारनाथ के कपाट खोलने के लिए चल रही है मंत्रणा

April 11, 2020 | samvaad365

कोरोना विषाणु ने पूरे देश को अपनी गिरफ्त में ले लिया है. और सम्पूर्ण भारत घरों में कैद होकर रह गया है. लेकिन इस सबके बीच हजारों वर्षों से चली आ रही हमारी धार्मिक परम्पराओं के निर्वहन पर भी संकट छा रहा है. ग्यारवें ज्योतिर्लिंग भगवान केदारनाथ की यात्रा 29 अप्रैल से आरम्भ होनी हैं, भले ही कोरोना वायरस के चलते इस बार देश-विदेश के तीर्थ यात्री केदारनाथ के दर्शनों को न आए, लेकिन केदारनाथ की चल विग्रह पंचमुखी डोली को कैलाश धाम ले जाने के लिए जिला प्रशासन और सरकार ने तैयारियां आरम्भ कर दी हैं. केदारनाथ के पैदल मार्ग पर हुडस्टोन कस्टक्शन कम्पनी ने बर्फ हटाने का कार्य आरम्भ कर दिया है. करीब 90 मजदूर बर्फ हटाने के कार्य में जुटे हैं और दावा किया जा रहा है कि 15 अप्रैल तक बर्फ से पट्टा केदारनाथ का मार्ग खोल दिया जायेगा.

उधर जिला प्रशासन और सरकार इस बात को लेकर भी मंत्रणा कर रही है कि केदारनाथ के शीतकालीन गद्दी स्थल ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ से बाबा की चल विग्रह उत्सव डोली को केदारनाथ धाम तक ले जाने और और परम्पराओं के अनुसार कपाट खोलने के लिए कितने लोग वहां मौजूद रहेंगे. कोरोना को देखते हुए किस तरह से सामाजिक दूरियों के बीच केदारनाथ के कपाट खोले जाय इसको लेकर जिला प्रशासन और तीर्थ.पुरोहित व पंडा समाज लगातार आपस में वार्ता कर रहे हैं। जबकि इस स्थिति पर उत्तराखण्ड सरकार भी मंथन कर रही है.

हजारों वर्षों की केदारनाथ यात्रा के ज्ञात इतिहास में यह दूसरी बार ऐसा होने जा रहा है जब भगवान केदारनाथ के कपाट खुलने के अवसर पर भक्तों का हुजुम नहीं होगा, 2013 की आपदा के बाद वर्ष 2014 में जब भगवान केदारनाथ के कपाट खुले थे तो उस वक्त केदारनाथ आपदा का लोगों के दिलों में इतना गहरा आघात था कि यहां भक्तों की सामान्य भीड़ भी नहीं जुटी थी।

(संवाद 365/ कुलदीप राणा )

https://youtu.be/Yr9FXreYPFc

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