खटीमा नगर पालिका ने आरटीआई कार्यकर्ता के खिलाफ जारी किया लाखों का भुगतान पत्र, पढ़ें पूरा मामला

February 6, 2019 | samvaad365

आरटीआई कानून का मख़ौल उड़ाती नगर पालिका खटीमा। आरटीआई कार्यकर्ता द्वारा सूचना मांगे जाने पर नगर पालिका ने 2 लाख 71हजार 8 सौ 24 रुपये जमा करने का पत्र दिया।

नगर पालिका खटीमा ने एक आरटीआई कार्यकर्ता से सूचना के एवज में लाखों के भुगतान करने का पत्र जारी कर दिया है। जिससे आरटीआई कार्यकर्ता भी अचंभित है। पूरे मामले के अनुसार खटीमा निवासी आरटीआई कार्यकर्ता अर्जुन चौहान द्वारा नगर पालिका खटीमा से सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत वर्ष 2016-17 के गृह कर निर्धारण फाइल की कॉपी नगर पालिका से मांगी थी। लेकिन सूचना देने की जगह नगर पालिका खटीमा ने आरटीआई की एवज में कार्यकर्ता अर्जुन चौहान को 2 लाख 71हजार 8 सौ 24 रुपये के भुगतान का पत्र जारी कर दिया।

वही जब आरटीआई कार्यकर्ता ने सूचना की एवज में इतनी भारी भरकम राशि मागे जाने के बारे में नगर पालिका को पत्र लिख पूछा तो उसे अभी तक जवाब नही मिला है। आरटीआई कार्यकर्ता ने मीडिया को बताया कि उसने नगर पालिका खटीमा से वर्ष 2016-17 के ग्रह कर की फाइल की कॉपी नगर पालिका से मांगी थी। क्योंकि उन्हें जानकारी मिली थी कि नगर पालिका द्वारा बड़े भवनों से कम वही छोटे भवनों से ज्यादा ग्रह कर की वसूली की गई है। लेकिन वही नगर पालिका ने सूचना की एवज में लाखों के भुगतान किये जाने का पत्र जारी किया है। जबकि उन्होंने पत्र भेज पालिका से सूचना पर इतनी ज्यादा राशि मांगने का कारण पूछा है लेकिन उन्हें कोई जवाब नही मिला है। वही आरटीआई कार्यकर्ता के अनुसार ग्रह कर के मामले में नगर पालिका में भारी भृष्टाचार है इसलिए उन्हें सूचना की एवज में लाखों रुपये मांगे जा रहे है। ताकि में सचुना ना ले पाऊं। लेकिन उन्हें अगर नगर पालिका से सही जवाब नही मिला तो वह आयोग का दरवाजा खटखटाएंगे। वही इस विषय पर नगर पालिका अध्यक्ष का कहना है कि सचुना के लिए दो रुपये कॉपी का प्रावधान है बाकी इस विषय पर उन्हें अधिक जानकारी नही है वह इस विषय पर कार्यालय से जानकारी उपरांत ही कुछ कह पाएंगी।

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खटीमा/दीपक चंद्रा

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