24 मार्च को गणेश चतुर्थी के दिन इस विधि से पूजन करने से मिलेगा लाभ, बरसेगी कृपा

March 23, 2019 | samvaad365

चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी के दिन गणेश चतुर्थी व्रत किया जाता है। इस बार यह तिथि कल यानि कि 24 मार्च को पड़ रही है। व्रत करने वाले लोग इस दिन चंद्र दर्शन के बाद पूजा कर भोजन ग्रहण करते हैं। बताया जा रहा है कि रविवार को रात 10 बजे के बाद ही चंद्रोदय होगा। माना जाता है कि इस दिन भगवान गणेश पूजन के समय उनके 12 नाम मंत्रों का जाप करना लाभप्रद होता है। 12 नाम मंत्रों का जाप कम से कम 108 बार ज़रूर करना चाहिए। आइए आपको बताते हैं गणेश चतुर्थी पूजा की सरल विधि और नाम मंत्र…

पूजन विधी और मंत्र

गणेश चतुर्थी पूजन की सरल विधि

गणेश चतुर्थी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान के बाद सोने, चांदी, तांबे, पीतल या मिट्टी से बनी गणपति की प्रतिमा स्थापित करें। इसके बाद भगवान गणेश को जनेऊ धारण करवा कर अबीर, गुलाल, चंदन, सिंदूर, इत्र आदि चढ़ाएं। गणपति को पूजा का धागा अर्पित करें और चावल चढ़ाएं। गणेश मंत्र बोलते हुए गणपति महाराज को दूर्वा की 21 गांठ चढ़ाएं साथ ही 21 लड्डुओं का भोग भी लगाएं। इसके बाद कपूर से भगवान गणेश की आरती करें और पूजा के बाद प्रसाद भक्तों में बांट दें। यदि संभव हो तो घर पर ही ब्राह्मणों को भोजन कराएं साथ ही उन्हें दक्षिणा भी दें। बता दें कि गणेश चतुर्थी व्रत लेने वाले व्यक्ति को शाम को चंद्र दर्शन कर पूजा करनी चाहिए और इसके बाद ही भोजन ग्रहण करना चाहिए।

पूजा के दौरान करें इन 12 नाम मंत्रों का उच्चारण

गणेश चतुर्थी पूजा के दौरान गणपति को दूर्वा की 11 या 21 गांठ चढ़ाएं और दूर्वा चढ़ाते समय इन मंत्रों का जाप अवश्य करें।

ऊँ गणाधिपतयै नम:, ऊँ उमापुत्राय नम:, ऊँ विघ्ननाशनाय नम:, ऊँ विनायकाय नम:, ऊँ ईशपुत्राय नम:, ऊँ सर्वसिद्धप्रदाय नम:, ऊँ एकदन्ताय नम:, ऊँ इभवक्त्राय नम:, ऊँ मूषकवाहनाय नम:, ऊँ कुमारगुरवे नम:

इस मंत्र का जाप कम से कम 108 बार अवश्य करना चाहिए। मन्यता है कि इस तरह पूजा करने से भगवान गणेश प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों की हर मनोकामना पूरी करते हैं।

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संवाद365 / पुष्पा पुण्डीर

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