केदारनाथ धाम में पूजा अर्चना और केदारनाथ रोपवे का शिलान्यास करने के बाद पीएम बदरीनाथ धाम जाएंगे। उन्होंने पूजा कर भगवान बदरीनाथ के दर्शन करेंगे। प्रधानमंत्री के जनसभा स्थल पर ग्रामीणों ने उनका स्वागत चमोली जनपद के प्रसिद्ध रम्माण मुखौटा नृत्य का प्रदर्शन कर करेंगे। यह नृत्य सलूड़ डुंग्रा गांव के ग्रामीणों द्वारा किया जाएगा।
प्रधानमंत्री की अगुवाई में माणा गांव के भोटिया जनजाति की महिला व पुरुषों द्वारा पौणा नृत्य और झुमैलो नृत्य भी किया जाएगा। यह विविध कार्यक्रमों, पूजा और अनुष्ठानों की एक शृंखला है। इसमें सामूहिक पूजा, देवयात्रा, लोकनाट्य, नृत्य, गायन, मेला आदि विविध रंगी आयोजन होते हैं।
रम्माण शब्द रामायण का अपभ्रंश है। इस नृत्य में भगवान श्री राम के जन्म से लेकर रावण वध तक के आयोजन को मुखौटा नृत्य के साथ आयोजित किया जाता है। कलाकार ढोल दमाऊं की थाप पर मुखौटा नृत्य की प्रस्तुति देते हैं। ढोल वादक जागर गायन भी करता है। संयुक्त राष्ट्र संघ के संगठन यूनेस्को द्वारा साल 2009 में इस रम्माण को विश्व की सांस्कृतिक धरोहर का दर्जा दिया था।
समुद्रतल से 10227 फीट की ऊंचाई पर सरस्वती नदी के किनारे बसे माणा गांव में भोटिया जनजाति के करीब 150 परिवार निवास करते हैं। यह गांव अपनी सांस्कृतिक विरासत के साथ-साथ कई अन्य कारणों से भी अपनी अलग पहचान रखता है।
संवाद 365, दिविज बहुगुणा
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