रामनगर के चंद्रसेन कश्यप पिछले 45 वर्षों से सांपों को संरक्षित करने का काम कर रहे हैं। सांपों के संरक्षण के लिए उन्होंने सेव द स्नेक एंड वाइल्ड लाइफ वेलफेयर सोसायटी संस्था भी बनाई है। चंद्रसेन कश्यप का पूरा परिवार मिलकर सांपों के संरक्षण का काम कर रहा। चंद्रसेन कश्यप अबतक 20 हजार से भी ज्यादा सांपों को रेस्क्यू कर सुरक्षित जंगलों में छोड़ चुका है। विरासत में मिले निस्वार्थ सेवा भाव और हुनर में उनके बच्चे भी निपुण हो चुके हैं। अपने पिता के सांपों के प्रति प्रेम भाव को देखते हुए वह भी उनकी राह पर निकल पड़े हैं, साथ ही लोगों को जीव.जंतुओं के संरक्षण के लिए प्रेरित कर रहे हैं। उनके बड़े बेटे किशन कश्यप 25 साल के हैं जो कि सांपों को रेस्क्यू करने का काम करते हैं दूसरे बेटे अर्जुन 22 साल के हैं जो बीए के छात्र है सबसे छोटा बेटा अनुज जो कि 12 साल के हैं वो 7वीं में पढ़ते हैं और सर्प विशेषज्ञ बनना चाहते हैं। चंद्रसेन कश्यप सांपों को पकड़कर जंगल में सुरक्षित छोड़ते हैं और सांप के काटे लोगों का इलाज करने में मदद भी करते हैं।
समाजसेवी श्वेता मासीवाल कहती हैं कि रामनगर कॉर्बेट नेशनल पार्क के पास होने के कारण यहां कई प्रजाति के जहरीले सांप निकलते हैं। ये परिवार लोगों की मदद करने के खुद को अपना और अपने बच्चों की जीवन दांव पर लगाता है। ऐसे में उन्होंने चंद्रसेन कश्यप और उनके पूरे परिवार को वन विभाग की तरफ से इंश्योरेंस मिलना चाहिए । चंद्रसेन कश्यप बताते हैं कि वो अब तक gfx रेड कोरल कुकरी, ब्लैक हेडेड, ओलिव कीलबैक, बैंडेड कुकरी, बफ स्ट्रिपड, कॉमन क्रेट, येलो बैंडेड करैत, रैट स्नेक, स्पेक्टकल्स कोबरा, किंग कोबरा, रसेल वाइपर जैसे सांपों को पकड़कर उनका रेस्क्यू कर चुके हैं।
संवाद365,डेस्क