रुद्रप्रयाग: सवालों के घेरे में स्वास्थ्य विभाग, अस्पताल में भीड़ से संक्रमण का डर

December 21, 2020 | samvaad365

रुद्रप्रयाग: वैश्विक महामारी कोरोना का खतरा अभी टला नहीं है. दो गज की दूरी और मास्क है जरूरी के नारे सरकारें और स्वास्थ्य महकमा बड़े जोर-शोर से उछाल रही हैं, जो जरूरी भी है। क्योंकि कोरोना की वैक्सीन अभी आम लोगों तक नहीं पहुँची है, लेकिन कोरोना से मुक्ति दिलाने की जिस स्वास्थ्य महकमें को जिम्मेदारी दी गई है, वही कोरोना नियमों की धज्जियां उड़ाता हुआ नजर आ रहा है। रूद्रप्रयाग शंकराचार्य अस्पताल की ये तस्वीरें हैं जहां सैकड़ों की तादाद में युवा अपने कोरोना जाँच करवाने आये हैं, लेकिन अस्पताल परिसर में ही दो गज दूरी और मास्क जरूरी का मखौल उड़ रहा है। आपको बताते चलें दो दिन बाद युवाओं ने कोटद्वार में भर्ती में शामिल होना है जिसके लिए कोरोना टेस्ट जरूरी है.

इससे पहले रूद्रप्रयाग के जिलाधिकारी मानुज गोयल ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी को स्पष्ट निर्देश दिये थे कि भर्ती में शामिल होने वाले युवाओं का टेस्ट न्याय पंचायत स्तर, ब्लाॅक स्तर अथवा गांव स्तर पर किया जाना चाहिए ताकि किसी भी तरह की अव्यवस्था ना हो. लेकिन रूद्रप्रयाग जिले के माधवाश्रम शंकराचार्य अस्पताल में जिस प्रकार की अव्यवस्था और कुप्रबन्धन स्वास्थ्य विभाग का दिखा वह वास्तव में महकमें की कार्यप्रणाली को सवालों के घेरे में लाकर खड़ा करता है।

जिस स्वास्थ्य विभाग पर कोरोना से मुक्ति दिलाने का जिम्मा है और वही स्वास्थ्य विभाग खुले आम कोरोना को दावत दे रहा है तो यह अपने आप में गम्भीर विषय है जबकि कोरोना की जाँच करवाने आये युवाओं को कोरोना संक्रमित होने का भी भय सता रहा है.

उधर सीएमओ ने कहा कि कोरोना संक्रमण से बचने की जिम्मेदारी सबकी है, युवाओं की भीड़ को नियंत्रण करने के लिए पुलिस प्रशासन को अवगत करवाया जा चुका था.

(संवाद365/कुलदीप राणा आजाद)

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