मिनी स्वीजरलैंड के नाम से विख्यात चोपता दुगबिट्टा में 50 अतिक्रमण कारियों को बेदखली के नोटिस वन प्रभाग रूद्रप्रयाग ने जारी कर दिए हैं. अगर जल्द अतिक्रमण खाली नहीं किया गया तो वन विभाग ध्वस्तीकरण की कार्रवाई को अंजाम देगा.
रूद्रप्रयाग वन प्रभाग के डीएफओ वैभव कुमार सिंह ने बताया कि चोपता-दुगलबिट्टा व बनियांकुण्ड में पूर्व में वन पंचायत द्वारा टैंण्ड व स्थाई कैम्प लगाने की इजाजत स्थानीय लोगों को दी थी लेकिन कालान्तर में लोगों द्वारा यहां पक्के रिजाॅर्ट व कैम्प बना दिये गए हैं. वर्ष 2018 में उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय ने आदेश दिए थे कि जितने भी लल्पाइन , सब अल्पाईन ग्रास आरक्षित वन हैं यहां किसी भी प्रकार अतिक्रमण एवं निर्माण नहीं होना चाहिए.
कोर्ट के आदेशों का पालन करते हुए भारतीय वन अधिनियिम के अन्तर्गत अतिक्रमणकारियों को बेदखली के आदेश दिये गए थे। पिछले छ माह से इसमें सुनवाई चल रही थी। डीएफओ ने कहा अब सुनवाई अंतिम चरण में हैं। अगर कोई व्यक्ति खाली नहीं करता है तो वन विभाग अतिक्रमण को ध्वस्त करने के साथ उन पर कानूनी कार्यवाही भी करेगा.
(संवाद 365/कुलदीप राणा आजाद)
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