लव जिहाद पर विवाद के बीच एक पत्र से सुर्खियों में टिहरी गढ़वाल

November 22, 2020 | samvaad365

टिहरी के जिला समाज कल्याण अधिकारी ने एक पत्र पर देश की राजनीति में बवाल मच गया है. और लगे हाथ विपक्ष को भी बीजेपी पर हमला करने का एक मौका मिल गया है. मामला बीजेपी के कई राज्यों में चुनावी वादों में से एक लव जिहाद का है. टिहरी के समाज कल्याण अधिकारी का एक पत्र सामने आया है जो 18 नवंबर का है जिसमें अंतरधार्मिक विवाह करने पर समाज कल्याण विभाग की तरफ से प्रोत्साहन के रूप में 50,000 रूपये की धनराशि दिए जाने का उल्लेख किया गया है.

अब इस मामले को लेकर सियासत गर्मा गई है. पत्र के सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद कांग्रेस ने बीजेपी पर जोरदार हमला करते हुए दोगुला चरित्र होने का आरोप लगाया.

यूपी से कांग्रेस नेता प्रमोद कृष्णम ने पत्र ट्वीट करते हुए लिखा की पूरे देश में लव जेहाद के “ख़िलाफ़” क़ानून और देव भूमि “उत्तराखंड” में प्रोत्साहन, भाजपा का “दोगला” चरित्र.

जिसके बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने भी पत्र रि-ट्वीट करते हुए लिखा की यही भाजपा का दोहरा चरित्र है। जो भाजपा नेता, तथा कथित “लव जेहाद” करते हैं उन्हें भाजपा पदों से सम्मानित करती है और जनता को मूर्ख बनाने के लिए क़ानून लाना चाहती है.

इस मामले में पहले ही उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मुख्य सचिव को जांच के आदेश  दे दिए हैं. मुख्यमंत्री ने कहा है की हमारा रुख लव अन्तरधार्मिक विवाह को लेकर साफ है, जो भी छल-कपट से अन्तरधार्मिक विवाह करेगा उसके खिलाफ शख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी साथ ही जो अधिकारी इस तरह की चीजों को बढ़ावा देगा उसके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी.

मामले में उत्तराखंड बीजेपी सफाई दे चुकी है. पार्टी का कहना है की हरीश रावत के मुख्यमंत्री रहते हुए ये आदेश दिए गए थे. जिसे हमारी सरकार ने तत्काल प्रभाव से रोक लगाने का काम किया है साथ ही प्रदेश में इस तरह की प्रविर्ती को भी बढ़ावा नहीं दिया जाएगा. टिहरी से बीजेपी विधायक धन सिंह नेगी ने प्रदेश कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा की कांग्रेस अपनी सरकार में धर्मांतरण काराने का काम कर रही थी.

आदेश में योजना के तहत 50,000 रुपये दिये जाने की बात कही गई है. पहले इस योजना के तहत दूसरे जाति और दूसरे धर्म में शादी करने वाले लोगों को 10 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाती थी. लेकिन 2014 में हरीश रावत सरकार ने उत्तर प्रदेश अंतरजातीय अंतरधार्मिक विवाह प्रोत्साहन नियमावली 1976 में संशोधन करके 10 हजार की रकम को बढ़ाकर 50 हजार रुपये कर दिया. साल 2000 में जब अलग उत्तराखंड का निर्माण हुआ था तो उत्तराखंड राज्य ने इस कानून को यूपी से लिया था.

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लव जिहाद को लेकर कानून बनाने की घोषणा के बाद से ही लव जिहाद का मुद्दा फिर से सुर्खियों में आ गया था जिसके बाद उत्तराखंड के इस पत्र ने मुद्दे को और ज्यादा गर्मा दिया है. कई राज्‍यों में  लव जिहाद के खिलाफ सख्‍त कानून बनाने की तरफ कदम भी बढ़ा दिया है तो कुछ इस राह पर आगे चल रहे हैं। हरियाणा, मध्‍य प्रदेश और उत्‍तर प्रदेश में इसे लेकर वहां की सरकारों द्वारा पहल की गई है.

(संवाद 365/विकेश शाह)

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