टिहरी: भीम लाल आर्य ने उठाई कोरोना वायरस संकट में जनता की आवाज

May 19, 2020 | samvaad365

टिहरी: घनसाली विधान सभा के पूर्व विधायक व पूर्व स्तर राज्य मन्त्री उत्तराखण्ड भीम लाल आर्य ने कोरोना वायरस महामारी के चलते उत्तराखण्ड की बुनियादी समस्याओं के समाधान के लिए देश के प्रधानमन्त्री, सुबे के मुख्यमन्त्री, राज्यपाल को पत्र लिखकर आवाज उठाई। आपको बता दें भीमलाल आर्य पूर्व से ही जनता की आवाज उठाने के लिए सुर्खियों में रहे है। और लॉक डाउन के बाद सबसे पहले प्रवासी उत्तराखण्डियों व होटलियर भाईयों की घर वापसी की आवाज भी भीमलाल आर्य ने उठाई थी।

अपने द्वारा देश के प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी, उत्तराखण्ड के मुख्यमन्त्री त्रिवेन्द्र सिहं रावत व उत्तराखण्ड की राज्यपाल बेबी रानी मौर्य को लिखे पत्र मे भीमलाल आर्य ने लिखा है कि वर्तमान समय में पूरा विश्व कोरोना महामारी के कारण अस्त व्यस्त हो चुका है जिससे सम्पूर्ण जीवन यापन के विभिन्न रोजगार व स्वरोजगार पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं।

उन्होंने लिखा है कि वह टिहरी के सीमान्त घनसाली क्षेत्र से है जहां के कई युवा रोजगार के लिए बाहर गए थे व आज लॉक डाउन के कारण वहीं भूखे प्यासे फंसे हुए हैं जिनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है इन भाइयों पर एक साथ कई दुःखों के पहाड़ टुटे हैं एक तो रोजगार नहीं और दूसरा बिना पैसों के बाहर फंसे रहना। भीम लाल आर्य ने कहा की सरकार को इस पर शीघ्र ठोस कार्यवाही व प्रयास करने की आवश्यकता है।

उन्होंने अपने पत्र में लिखा है कि उतराखण्ड के पर्वतीय क्षेत्रों में लोगों का जीवन आज हासिए पर आ गया है उनकी रोजगारी स्वरोजगारी सब खाली हाथ है जिससे सारे व्यवसायी व बेरोजगार हुए युवा हतप्रभ हैं। उन्हें आज अपना भविष्य तलाशने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

वर्तमान समय की इस कोरोना वायरस की भयावह स्थिति को देखते हुए व जिस प्रकार से आज सारे लोग वापस अपने अपने गांव पहुंचे हैं, पुनः पलायन न हो इसे रोकने के लिए सरकार को स्वरोजगार, रोजगार योजना सृजित करने की आवश्यकता है।

भीम लाल आर्य ने मुख्यतः में कृर्षि ऋण, विद्युत व पेयजल का कर माफ करने की भी मांग अपने पत्र में की है उन्होंने कोरोना वायरस व लॉक डाउन के कारण व्यावसायिक वाहनों के सभी प्रकार के कर माफ, पलायन को रोकने के लिए कृषि प्रोत्साहन निति बनाने की भी मांग की जिसके तहत प्रत्येक कृषक को उत्तराखण्ड में समीक्षा के आधार पर 15000 हजार रू० प्रोत्साहन राशि व स्थानीय स्तर पर रोजगार व स्वरोजगार देने की मांग की साथ ही उत्तराखण्ड के पर्वतीय क्षेत्रो मे निवास कर रहे लोगो के लिए भी 20 हजार रू० देने की मांग की है।

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संवाद365/सुनील सजवाण 

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