उच्च हिमालयी क्षेत्रों में यूँ तो समय-समय पर प्रकृति के कई अद्भुत और चमत्कारिक दृश्य सामने आते रहे हैं, इन दिनों हिमालय की तलहटी में एक झील चर्चा का विषय बनी हुई है। ग्यारवें ज्योतिर्लिंग बाबा केदारनाथ के ऊपर मौजूद वासुकीताल से करीब 6 किमी ऊँचाई पर पंयाताल की तस्वीरें पहली बार सामने आई हैं। रूद्रप्रयाग के स्यूपुरी गाँव के चार युवा कुछ दिन पूर्व केदारनाथ के दर्शन के बाद वासुकीताल ट्रेक पर गए थे, जहां से एक बाबा के माध्यम से उन्हें पंयाताल की जानकारी मिली। युवा उसके बाद पांयाताल की ओर गए जहां ब्रह्मकमल और फेन कमल से घिरा सुन्दर नीले रंग के साफ पानी से लबरेज पंयाताल मिला। इस ताल की जानकारी अभी तक देश दुनिया के प्रकृति प्रेमियों को नहीं है, जबकि इस ताल की तस्वीरें भी पहली बार वायरल हुई हैं।
पंयाताल की तस्वीरें वायरल होने के बाद वन विभाग, भू वैज्ञानिक सहित पर्यावरण प्रेमियों का ध्यान आकर्षित हुआ है। हालांकि वन विभाग इसे पुरानी झील बता रहा है। केदारनाथ के ऊपर चैरावाड़ी ताल, वासुकीताल, पंयाताल सहित यमताल पहले से मौजूद हैं। केदारनाथ वन प्रभाग के डीएफओ अमित कंवर ने बताया कि पंयाताल पुरानी झील है, जो वासुकीताल से करीब 6 की दूरी पर है किन्तु इस झील तक पहुँचने के लिए कोई स्थाई रास्ता नहीं है। उन्होंने कहा वन विभाग की टीमें समय-समय पर इन झीलों का भ्रमण करती हैं।
प्रकृति की नेहमतों से लबरेज रूद्रप्रयाग जिले में न जाने कितने ही झील तालाब, झरने, बुग्याल, शिलाएं मौजूद हैं, लेकिन इन खूबसूरत स्थलों को पर्यटन मानचित्र पर स्थान नहीं मिल पा रहा है. जरूरत है वन विभाग को इन स्थानों को विश्वपटल पर लाने की ताकि दुनिया के सामने ये खूबसूरत जगहें आ सकें।
(संवाद 365/कुलदीप राणा )
यह भी पढ़ें-संस्थाएं गोद लेंगी हरिद्वार के घाट, रखरखाव के लिए कार्ययोजना हो रही तैयार