देवभूमि की इस बेटी के जज्बे को सलाम,हालातों से किया डटकर सामना और पाया ये मुकाम,पढ़े पूरी ख़बर

January 2, 2019 | samvaad365

उत्तराखंड की धरती पर तरासने पर एक से बढ़कर एक हीरे मिल जाते हैं और बात अगर बेटियों की हो तो उत्तराखंड की बेटियां किसी बेटे से कम नहीं, हर छेत्र में अपना लोहा मनवा चुकी हैं अभी हम बात कर रहे हैं घायल एथलीट गरिमा जोशी कि बंगलूरू में वाहन की टक्कर से व्हील चेयर में बैठने को मजबूर हुई गरिमा ने व्हील चेयर मैराथन दौड़ में अव्वल स्थान प्राप्त किया।

गरिमा के इसी जज्बे को देखते हुए गत दिनों उन्हें दिल्ली में शान-ए-हिंद राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजा गया। यह पुरस्कार केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले और शहीद चंद्रशेखर आजाद के भतीजे पं. सुरजीत आजाद प्रदान किया।

चिलियानौला निवासी पूरन चंद्र जोशी की छोटी बेटी गरिमा जोशी चयन बीते वर्ष बंगलूरू में टीसीएस वर्ल्ड 10 की अंतरराष्ट्रीय मैराथन दौड़ के लिए हुआ था। वहां भारत की ओर से गरिमा टॉप 6 में थी, लेकिन 30 मई को अभ्यास के लिए स्टेडियम जाते वक्त अज्ञात वाहन की चपेट में आकर वह गंभीर रूप से घायल हो गईं।

घटना में उनकी रीढ़ की हड्डियां टूट गईं और पांव अभी तक काम नहीं कर रहे हैं। इस समय गरिमा का दिल्ली स्थित इंडियन स्पाइनल इंजरी सेंटर में उपचार चल रहा है। वह व्हील चेयर के सहारे हैं, लेकिन खेल के प्रति उनका जज्बा बरकरा है।

गरिमा दिल्ली में तीन बार व्हील मैराथन दौड़ वह जीत चुकी हैं। पिता पूरन जोशी ने बताया कि इसी जज्बे को देखते हुए उन्हें अब राष्ट्रीय पुरस्कार शान-ए-हिंद पुरस्कार से नवाजा गया है। पिता पूरन जोशी ने बताया माता आशा जोशी भी कैंसर रोग से जूझ रही हैं। उनका सफदरजंग में अस्पताल में उपचार चल रहा है।

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देहरादून/संध्या सेमवाल

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