भारत के आजाद होने के बाद पहली बार नेताजी सुभाष चंद्र बोस की इंडियन नेशनल आर्मी (INA) के सैनिक इस बार गणतंत्र दिवस की परेड में शामिल होंगे. इस दौरान INA के चार सैनिक दिल्ली में राजपथ पर परेड करेंगे.
आजाद भारत के 70 साल बाद, नेताजी सुभाष चंद्र बोस की भारतीय राष्ट्रीय सेना के चार जवान इस साल गणतंत्र दिवस की परेड में शामिल होने वाले है. 1950 के बाद ऐसा पहली बार होगा कि नेताजी के बहादुर जवान राजपथ पर परेड करेंगे.
ब्रिगेडियर (सेवानिवृत्त) आरएस चिकारा और आईएनए की जवान भारती सहाय चौधरी के अनुसार जो जवान इस परेड में शामिल होने वाले हैं उनमें चारों सैनिक 97 से 100 वर्ष की आयु के बीच के हैं. जिनका दिल्ली-एनसीआर के आस-पास के इलाकों से ताल्लुक है.
इनमें सबसे वरिष्ठ सिपाही भागमल हैं. इनकी आयु 100 साल है. भागमल मानेसर, हरियाणा के निवासी है. ये 1942 में INA में शामिल हुए थे. इनके अलावा बाकी तीन सदस्य, जिनमें लाल राम (98) पंचकुला, हीरा सिंह (97) हरियाणा के नारनौल और परमानंद यादव चंडीगढ़ के रहने वाले हैं.
1942 में रास बिहारी बोस ने आईएनए की नीव रखी थी. जिसका नेतृत्व नेताजी ने किया था और देश को आजादी मिलने तक अंग्रेजों के साथ लड़ाई लड़ी थी. हालांकि, उस समय सरकार की कुछ नीतियों के कारण, INA सैनिकों को भारतीय सेना में विलय होने की अनुमति नहीं दी गई थी.
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देहरादून/संध्या सेमवाल