एम्स ऋषिकेश में संस्थान के लंबित कार्यों की समीक्षा बैठक

June 16, 2019 | samvaad365

ऋषिकेश: अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स ऋषिकेश में शनिवार को स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय भारत सरकार के संयुक्त सचिव सुनील शर्मा  ने संस्थान के लंबित कार्यों की समीक्षा बैठक की। एम्स निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रविकांत ने बताया कि इस समय ऑडिटोरियम तथा ट्रॉमा सेंटर के कार्य प्रमुखरूप से प्राथमिकता में हैं। उन्होंने बताया कि ऑडिटोरियम का कार्य लगभग अस्सी प्रतिशत पूर्ण हो चुका है तथा इसकी डेडलाइन 31 अगस्त- 2019 निर्धारित की गई है।

निदेशक एम्स पद्मश्री प्रो.रवि कांत ने स्पष्ट किया कि ऑडिटोरियम की डेडलाइन निर्माण एजेंसी के अनुरोध पर भी बढ़ाया नहीं जाएगी, क्योंकि एम्स ऋषिकेश का अगला दीक्षांत समारोह इसी ऑडिटोरियम में होना है। समीक्षा के दौरान संयुक्त सचिव सुनील शर्मा ने निर्माण एजेंसी तथा सीपीडब्लूडी से उक्त डेड लाइन का पालन करने को कहा। साथ ही उन्होंने ट्रॉमा सेंटर के निर्माण में हो रही देरी के लिए नाराजगी व्यक्त की। निदेशक प्रो. रविकांत ने बताया कि वर्तमान में ट्रॉमा और इमरजेंसी में पर्याप्त जगह नहीं होने के कारण कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, लिहाजा यदि जल्द ही ट्रॉमा सेंटर का निर्माण पूरा नहीं हुआ तो स्थानाभाव में मरीजों की संख्या सीमित करने की नौबत आ सकती है।

संयुक्त सचिव सुनील शर्मा ने कम ही समय में एम्स ऋषिकेश द्वारा की गई तरक्की तथा प्राप्त उपलब्धियों की सराहना की। निदेशक प्रो. रविकांत ने मंत्रालय द्वारा संस्थान को समय पर वित्तीय सहायता देने की गुजारिश की, जिसे संयुक्त सचिव ने पूरा करने का आश्वासन दिया, साथ ही उन्होंने ऋषिकेश एम्स द्वारा आयुष्यमान भारत योजना के अन्तर्गत किए गए कार्यों की सराहना भी की।  समीक्षा बैठक में उप निदेशक (प्रशासन) अंशुमान गुप्ता, डीन प्रो. सुरेखा किशोर, चिकित्सा अधीक्षक श्रीपर्णा बासु, अधीक्षक अभियंता सुलेमान अहमद, डा. अनुभा अग्रवाल, प्रशासनिक अधिकारी शशिकांत, सीपीडब्लूडी के वरिष्ठ अभियंता व निर्माण एजेंसी के प्रतिनिधि मौजूद थे।

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संवाद365/हेमवती नंदन भट्ट (हेमू)

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