यूपी के कौशाम्बी जिले में जेल में सजा काटने के बाद रिहा हुए कैदी फिर से अपराध ना करें, इसकेलिए कारागार प्रशासन ने अनूठी पहल की है.
जेल प्रशासन द्वारा कैदियों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए जेल में सब्जी नर्सरी के साथ आधुनिक खेती की जानकारी दी जा रही है. ताकी वह जेल से रिहा होने के बाद खुद को आत्मनिर्भर बनाते हुए दूसरों को भी हुनरमंद बनाएं. इसके लिए बंदियों को 10 दिवसीय प्रशिक्षण कौशल विकास की ओर से दिया जा रहा है.
डीजी जेल आनंद कुमार ने बंदियों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए एक अनूठी पहल की है। प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत कारागार में सजा काट रहे कैदियों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए उन्हें आधुनिक खेती और सब्जी, नर्सरी की विधियों से रूबरू कराया जाएगा.
जेल अधीक्षक बीएस मुकुंद ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की. जेल अधीक्षक ने बताया कि जेल में 35 बंदी खेती कर रहे हैं. पहले उन्हें प्रशिक्षित करते हुए आत्मनिर्भर बनाया जाएगा। इसके बाद खेती के प्रति अच्छा रुझान रखने वाले अन्य बंदियों को भी आत्मनिर्भर बनने का मौका दिया जाएगा। जेल से रिहा होने से पहले बंदी आत्मनिर्भर हो जाएगा तो वह अपराध की दुनिया में दोबारा कदम नहीं रखेगा.
(संवाद365/नितिन अग्रहरि)