पलायन पर कई फिल्में हमने देखी जो अंत में कई सवाल और दर्द देकर जाती है कि क्या बदल पाएगी कभी पहाड़ की तस्वीर । कुछ ऐसी ही लेकिन पलायन को रोजगार से जोड़ती ये फिल्म बोल दिया उमां जिसे डायरेक्ट किया है कविलाश नेगी ने उसे आप नरेन्द्र नेगी के यू टयूब चैनल पर देख सकते हैं । फिल्म कहानी को आपने सिर्फ 10 मिनट देने हैं लेकिन इस 10 मिनट में आप पहाड़ की उस महिला का दर्द समझ सकते हैं जिसका पति रोजगार के लिए गांव छोड़कर शहर चला गया है और एक साल से घर नहीं आया । जिसके चलते पत्नी के पास पहनने को टूटी चप्पलें , और फटी साड़ी के अलावा कुछ नहीं हैं । एक साल से उसके बच्चों ने अपने पिता को नहीं देखा । जिसे पत्नी अपने देवर” जो खुद अपनी आखिरी छुट्टी में शहर वापस जा रहा है” ,उसे बताते हुए नजर आएगी ।
कहानी में एक ओर बड़ी दिलचस्प बात बताई गई है कि गांव वालों के पास शहर में देने के लिए काफी कुछ है लेकिन शहर वालों के पास गांव भेजने के लिए कुछ नहीं। और आखिर में नरेन्द्र सिंह नेगी का गीत दिल को झकझोर देगा । ओरिजनल स्टोरी का क्रेडिट वल्लभ डोभाल को जाता है। कलाकारों में अंजली नेगी और राजेश नौगांई का काम शानदार है। ड्रोन से फिल्माए गए सीन खूबसूरत लगे हैं, जिसका क्रेडिट गोविंद नेगी को जाता है। फिल्म के प्रोड्यूसर अतुलान दास गुप्ता हैं। फिल्म का टोरंटो फिल्म फेस्टिवल के लिए चयन भी किया गया है ।
संवाद365,रेनू उप्रेती