कौशांबी: प्रयागराज के बहुचर्चित जवाहर हत्याकांड मामले में जेल की सलाखों के पीछे बंद पूर्व सांसद कपिल मुनि करवरिया की मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रही है। कौशांबी के मंझनपुर कोतवाली में कपिल मुनि करवरिया के खिलाफ जिला पंचायत में नियुक्ति मामले को लेकर अनियमितता बरतने का आरोप लगा है। जिस पर सतर्कता अधिष्ठान प्रयागराज के आदेश पर मुकदमा दर्ज किया गया है। कपिल मुनि करवरिया के अलावा पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष मधुपति व दो पूर्व सदस्यों के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज किया गया है।
पंचायती राज विभाग के विशेष सचिव बृजनंदन लाल के पत्र को संज्ञान में लेते हुए इलाहाबाद सतर्कता अधिष्ठान द्वारा कौशांबी जिला पंचायत में वर्ष 2004 व पांच तथा वर्ष 2009 में की गई। नियुक्तियों की जांच की गई। जांच में अनियमितता पाए जाने के बाद पुलिस अधीक्षक सतर्कता अधिष्ठान इलाहाबाद के निर्देश पर मंझनपुर कोतवाली में 2005 में तत्कालीन जिला पंचायत कौशांबी के अध्यक्ष रहे कपिलमुनि करवरिया व चयन समिति की सदस्य सुशीला देवी के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। इसी तरह वर्ष 2009 में भी नियुक्तियों में अनियमितता बरती गई थी। जिसको लेकर सतर्कता अधिष्ठान ने जांच की तो तत्कालीन जिला पंचायत अध्यक्ष एवं चयन समिति के अध्यक्ष मधुपति व चयन समिति के सदस्य श्रीपाल के खिलाफ अनियमितता पाई गई। जिसके तहत इन दोनों के खिलाफ भी मंझनपुर कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया गया। एक साथ दो पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराए जाने के बाद जिले की राजनीति गरम हो गई है। राजनीतिक गलियारों में तरह-तरह की चर्चाएं भी होने लगी है। फिलहाल इस पूरे मामले की जांच मंझनपुर कोतवाल उदयवीर सिंह को सौंपी गई है।
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संवाद365/नितिन अग्रहरि