कौशांबी जिले के रहने वाले एक किसान ने कर्ज के चलते घर के भीतर फांसी लगाकर जान दे दी. बिजली विभाग से आरसी आने पर किसान कई दिनों से परेशान चल रहा था. उसने अपना खेत गिरवी रखकर बिजली विभाग की कुछ रकम अदा की थी. अब भी करीब चार लाख रुपये बकाया था. किसान कैंसर का भी मरीज था. जानकारी होने पर दरवाजा तोड़कर उसका शव बाहर निकाला गया है.
दरअसल सिराथू तहसील के डलइसया निवासी हरनलाल जिनकी उम्र 45 साल थी. उन्होंने पिछले साल दो बीघा में आलू की खेती तैयार की थी. लेकिन मामला घाटे में चला गया. इससे वह कर्ज में डूब गया था. हरनलाल पर बिजली विभाग का चार लाख रुपया भी बकाया था. अब परेशानी की इस घड़ी में अमीन ने उसे आरसी जारी कर दी. पहाड़पुर के हसमत अली के पास उसने 50 हजार रुपये में अपना खेत गिरवी रखकर आरसी की रकम 25 हजार रुपये जमा की थी. लेकिन फिर भी वर्तमान में उस पर चार लाख रुपये बकाया है.
मंगलवार दोपहर को परिवार के लोग खेत की ओर चले गए. दोपहर को हरनलाल घर में ही था. किसान ने दरवाजा अंदर से बंद कर फांसी लगा ली. शाम करीब पांच बजे परिजन वापस आए तो दरवाजा नहीं खुला. छत से देखा तो लाश लटकती दिखी. सूचना पर पहुंची पुलिस ने दरवाजा तोड़कर शव को बाहर निकलवाया और पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. वही सिराथू तहसीलदार श्याम कुमार ने सरकारी मदद दिलाने का आश्वासन दिया है.
बहरहाल तहसीलदार सरकारी मदद दिलाने का आश्वासन जरूर दे रहे हों लेकिन बड़ा सवाल यही है कि परेशान किसान तो आत्महत्या करके चला गया अब मदद परिवार को कब मिलेगी और कब इस तरह से बेबस किसानों की आत्महत्या रूकेंगी.
कौशांबी/ नितिन अग्रहारी
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