अनियमितताओं से जूझ रहा केदारधाम, प्रशासन देख रहा तमाशा…  

May 28, 2019 | samvaad365

केदार धाम के कपाट खुलते ही हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं बम बम भोले के जयकारे लगाते हुए केदारनाथ पहुंचे, जिसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी बाबा केदार के दर्शन करने के लिए केदार पूरी पहुंचे इन सब के बावजूद भी केदारनाथ की समस्याएं खत्म होने का नाम नहीं ले रही है।  प्रशासन  चार धाम यात्रा को लेकर तैयारियों के दावे कर रहा है, लेकिन धरातल पर स्थिति कुछ और ही  बयां कर रही है।

बता दें कि केदार धाम की यात्रा के दौरान कई श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है वही आए दिन घोड़े खच्चर  की भी मौत हो रही है जिसके बाद उन जानवरों को रास्तों में या फिर नदी में फेंका जा रहा है तो इससे अंदाजा लगाया जा सकता है सरकार गंगा स्वच्छता अभियान को लेकर कितना चिंतित है बताया तो यह भी जा रहा है की इंटरनेशनल सुलभ के कर्मचारियों द्वारा जानवरों को नदी में प्रवाह किया जा रहा है जिसके लिए जानवरों के स्वामी से कर्मचारियों द्वारा 10 हजार से लेकर 15 हजार तक वसूले जा रहे हैं, ऐसे में केदार बाबा के दर्शन करने के लिए जा रहे  श्रद्धालुओं की आस्था पर कैसा कुठाराघात किया जा रहा है, अफसोस जनक है।

वही बीते सोमवार को केदारघाटी मजदूर सेवा समिति द्वारा केदारघाटी में एक बैठक आहूत की गई, जिसमें केदारघाटी में हो रहे अनियमितताओं को लेकर  मजदूरों ने वार्तालाप किया। इस दौरान समिति द्वारा कई मुद्दों पर बात की गई।  बैठक के दौरान मजदूर सेवा समिति के अध्यक्ष अनूप गोस्वामी ने बताया कि पुलिस प्रशासन द्वारा मजदूरों से बेफिजूल के पैसे मांगे जा रहे हैं साथी उन्हें परेशान मैं किया जा रहा हैं, जिससे मजदूर उत्पीड़न का शिकार हो रहे हैं।  वहीं उन्होंने कहा की जानवरों के गोबर के लिए अभी तक प्रशासन द्वारा कोई डंपिंग जोन नहीं बनाया गया है जिससे मलवा कर्मचारियों द्वारा नदी में फेंका जा रहा है उन्होंने बताया रोजाना हजारों की संख्या में श्रद्धालु केदारधाम पहुंच रहे हैं इसके बावजूद प्रशासन द्वारा मात्र 22 शौचालय का निर्माण किया गया है जिससे श्रद्धालु शौच के लिए खुले में जा रहे हैं साथ ही पर्यावरण को जो नुकसान हो रहा है उससे प्रशासन को कोई फर्क नहीं पड़ रहा।

ऐसे में बड़ी बात सामने आती है क्या प्रशासन द्वारा झूठे दावे पेश किये जा रहे है या चार धाम को लेकर प्रशासन कोई काम नहीं करना चाहता। अब देखने वाली बात ये भी होगी कि प्रशासन इन छह महीनों में केदारधाम को लेकर कितना काम कर पता।

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संवाद365/कुलदीप राणा 

 

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