देहरादून: प्रतिष्ठा फाउंडेशन द्वारा क्लेमेनटाउन स्थित लर्निंग सेंटर में दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया था, दो दिन के कार्यशाला के बाद मंगलवार को “आओ चरखा चलाएं” कार्यशाला का समापन हुआ।
कार्यशाला को अहमदाबाद, गुजरात से देहरादून पहुँचे अवनि वारिया और सुल्तान ने फेसिलिटेट किया। कार्यशाला के प्रथम दिन बच्चों ने किस प्रकार रुई से चरखे की मदद से धागा और फिर कपड़ा बनने की प्रक्रिया को समझा और दूसरे व अंतिम दिन हैंड वैविंग सीखी जिसमें बच्चों को पुराने कपड़ो से दरियां-मैट आदि बनानी सिखाई गयी । इसके अतिरिक्त कार्यशाला के दौरान बच्चों ने चरखा,गांधी जी, और वर्तमान काल मे हाथ से कपड़ा बनाने की प्रासंगिकता पर सवाल किये, इस दौरान चरखे के बारे में बताते हुए अवनि ने बताया कि चरखा चलाना एक प्रकार का ध्यान या मेडिटेशन की क्रिया है। वंही सुल्तान ने महात्मा गांधी के जनांदोलनो में चरखे के प्रयोग पर प्रकाश डाला, साथ ही उसके महत्व को भी बताया।
इस दौरान समापन सत्र को सम्बोधित करते हुए प्रतिष्ठा की स्टूडेंट कॉउंसिल की कैप्टेन कु.निशा ने गुजरात से आये दोनों फेसिलिटेटर्स का आभार व्यक्त किया और संस्था के सभी बच्चों की ओर से उन्हें धन्यवाद देते हुए आगे भी समय-समय पर आने की अपील की। वहीं इस दो दिवसीय कार्यशाला में दीपक कोठियाल, चन्द्रशेखर, अमन, निशा, गंगा, कामिनी, पवन, शिवानी, शालिनी सहित लगभग 30 प्रतिभागी सम्मलित हुए ।
यह खबर भी पढ़ें-अनियमितताओं से जूझ रहा केदारधाम, प्रशासन देख रहा तमाशा…
यह खबर भी पढ़ें-आखिर क्या मिल पाएगी उत्तराखंड के 6 सांसदों में से किसी को मंत्रिमंडल में जगह ?
संवाद365/कुलदीप