घर बनाने के लिए जमीन खरीदने पर इन बताओं का रखें ध्यान, हो सकती है धोखाधड़ी…

May 28, 2019 | samvaad365

 देहरादून: प्रदेश में भूमाफियाओं द्वारा कब्जा किये जमीनों पर अवैध निर्माण  किये जा रहे हैं। उत्तरखंड की भोली जनता को अपने जाल में फंसा कर प्रॉपर्टी डीलर लाखों का खेल, खेल रहे हैं। प्रॉपर्टी डीलरों का ये खेल अब जल्द ही खत्म होने वाला है, जिससे सालों से चले आ रहे इस लाखों के खेल पर पाबन्दी लग सकती है। बता दें कि एमडीडीए द्वारा प्रॉपर्टी डीलरों पर लगाम लगाने की तैयारी पूरी कर दी गई हैं, जिसके लिए जल्द ही एमडीडीए अपने सिस्टम को अपग्रेड करने वाले हैं। एमडीडीए ने अवैध निर्माण रोकने के लिए नक्शा पास करने के सिस्टम को ऑनलाइन कर दिया है, जिसके बाद प्राधिकरण क्षेत्र के सभी खसरा नंबर दाखिल किए जा रहे हैं। इससे फायदा ये होने वाला है कि किसी भूखंड का नक्शा दाखिल किया जाएगा तो संबंधित खसरा नंबर के लिए जिन निर्माणों की अनुमति होगी उनकी पूरी लिस्ट सामने आ जाएगी।

अब  किसी कृषि भूमि पर भवन निर्माण का नक्शा दाखिल ही नहीं हो पाएगा। एमडीडीए के इस कदम से अवैध निर्माण पर रोक तो लगेगी ही साथ ही इससे जुड़े और मामले  पकडे जाने उम्मीद है। दरअसल अभी तक एमडीडीए में भवन निर्माण से पहले नक्शा दाखिल किया जाता था, जिसके बाद उसके भू-उपयोग की जांच की जाती है। इस पूरी क्रिया में कई दिन लग जाते है, जिसका सीधा फायदा प्रॉपर्टी डीलर उठा लेते है। जिससे भू-माफिया तो बच जाते है, लेकिन जो जमीन का खरीदार होता है वो सड़क पर आ जाता है। क्योंकि अवैध निर्माण को प्रशासन सील कर देता है।

अब एमडीडीए की वेबसाइट पर जल्द सभी खसरा नंबर व उसके भू-उपयोग की जानकारी उपलब्ध करा दी जाएगी। इसके लिए लोगों को जमीन खरीदने से पहले संबंधित क्षेत्र के नाम के साथ खसरा नंबर डालना होगा और सामने स्क्रीन पर पता चल जाएगा कि भूमि आवासीय है, कृषि है, कमर्शियल है या उसका भू-उपयोग कोई और है। अब तक की व्यवस्था में एक ही खसरा नंबर में अलग-अलग भू-उपयोग भी हैं। क्योंकि कई मामलों में किसी खसरा नंबर का रकबा काफी बड़ा होता है। इस स्थिति से भी लोगों को राहत देने के लिए एक खसरा नंबर का एक ही भू-उपयोग करने का काम भी शुरू किया जा चुका है।

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संवाद365/कुलदीप 

 

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