नैनीताल में आज अपनी 6 सूत्रीय मांगो को लेकर आशा कार्यकत्रियों ने 2 दिवसीय धरना प्रदर्शन किया। उन्होंने सरकार से अपनी 6 सूत्रीय मांग पूरी करने की मांग की। आशाओं ने सरकार को चेताया की अगर सरकार ने उनकी मांगों को पूरा नहीं किया तो वो देश भर में प्रदर्शन और कार्य बहिष्कार करेंगी।
वहीं आशा कार्यकर्ताओं का कहना है कि केंद्र सरकार आशाओं की मांगों के प्रति लगातार उदासीन बनी हुई हैं, सरकारी एजेंसियों कि रिपोर्ट बता रही हैं कि, आशाओं की नियुक्ति के बाद मातृशिशु मृत्यु दर में भारी कमी आयी, परन्तु आशाओं की एमरजेंसी ड्यूटी करने के बावजूद केंद्र सरकार आशाओं के प्रति उदासीन नहीं है और उन्हें न्यूनतम वेतन तक नहीं दे रही है। साथ ही आशाओं ने अपनी मांगों का मांग पत्र केंद्र और राज्य सरकार को भेजा, जिसमें उन्होंने मांग की कि
आशाओं को 45वें भारतीय श्रम सम्मेलन की सिफारिशों के अनुरुप आशाओं को कर्मचारी का दर्जा दिया जाये।
आशाओं का न्यूनतम मासिक वेतन 18000 रूपये दिया जाय।
जब तक आशा वर्कर्स को नियमित वेतन नहीं मिलता तब तक आयुष्मान सर्वे समेत सभी सर्वे करने के लिए आशा वर्कर्स को फील्ड कर्मचारियों की भांति दैनिक वेतन व भत्ता दिया जाय।
आशाओं को सभी तरह की सामाजिक सुरक्षा जैसे पेंशन, निशुल्क चिकित्सा सुविधा दी जाए।
आशाओं को उनके दैनिक कार्यों के पैसे का भुगतान सरकार तुरंत करे.
आशा वर्कर्स की सभी ट्रेनिग एनजीओ से हटाकर स्वास्थ्य विभाग द्वारा की जांय।
इन 6 सूत्रीय मांगों का शीघ्र निस्तारण किया जाय, अन्यथा की स्थिति में आशा आन्दोलन को तेज करने को बाध्य होंगे।
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नैनीताल/समीर साह