जब हौसले बुलंद हो तो दुनियां की कोई भी ताकत आपके लक्ष्य को पाने से रोक नहीं सकता इसी का -एक उदाहरण है निर्मला मेहता। जी हां दोनों पैरों से दिव्यांग निर्मला मेहता ने ऐसा कुछ कर दिया जो शायद स्वस्थ इंसान भी न कर सके। बाजपुर की रहने वाली निर्मला ने पिछले साल विक्टर राष्ट्रीय स्तर की पैरा बैडमिंटन प्रतियोगिता में ब्रांज मेडल जीतकर बाजपुर के साथ उत्तराखंड का नाम भी रोशन किया था। निर्मला की इस उपलब्धि पर पिछले साल उत्तराखंड सरकार ने उसे तीलू रौतेली पुरस्कार से सम्मानित किया था।
बाजपुर के गांव हरिपुरा हरसान निवासी मोहन सिंह की बेटी निर्मला मेहता बचपन में आम बच्चों की तरह स्वस्थ थीं। मगर बचपन में आए तेज बुखार ने निर्मला के दोनों पैर हमेशा के लिए बेकार कर दिए। निर्मला और उसके परिवार के लिए यह किसी गहरे सदमे से कम नहीं था। लेकिन निर्मला को तो अपनी दिव्यांगता को दरकिनार करते हुए अपने जैसे व अन्य लोगों के लिए मिसाल कायम करनी थी। निर्मला ने 23 से 25 मार्च 2018 तक विक्टर राष्ट्र स्तरीय पैरा बैडमिंटन चैंपियनशिप में प्रतिभाग कर ब्राउंज मेडल जीतकर अपने परिजनों के साथ बाजपुर और राज्य का नाम भी रोशन किया। निर्मला के इसी हौसले व जज्बे को देखते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने देहरादून में आयोजित एक कार्यक्रम में निर्मला को राज्य स्त्री शक्ति तीलू रौतेली पुरस्कार से सम्मानित किया।
निर्मला ने वर्ष 2017 में देहरादून में आयोजित एथलेटिक्स व बैडमिंटन प्रतियोगिता में रजत पदक हासिल किया था। फिर निर्मला ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। इसके बाद वह रुद्रपुर में विशेष ओलंपिक, बेंगलुरु में राष्ट्र स्तरीय बैडमिंटन, जयपुर में एथलेटिक्स प्रतियोगिता समेत कई प्रतियोगिताओं में प्रतिभाग कर कई पदक जीत चुकी हैं।
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देहरादून/संध्या सेमवाल