सावधान…! जब विकराल रूप में होगी गंगा तो ये न करें …

June 2, 2019 | samvaad365

जैसे-जैसे तापमान बढ़ता रहता है उत्तराखंड की पहाड़ियों में गर्माहट के कारण बर्फ पिघलना शुरू हो जाती है. जिसके चलते गंगा रौद्र रूप लेकर मैदानी क्षेत्रों में बहना शुरू कर देती है. हरिद्वार की गंगा उत्तर प्रदेश सरकार के अधीन है और उस पर सारा अधिकार उत्तर प्रदेश का है. यहां पर सिंचाई को लेकर यहां की गंगा का जल ज्यादा छोड़ दिया जाता है इसके चलते गंगा अपने स्तर से ऊपर बहना शुरू कर देती है. स्थानीय निवासियों का भी मानना है कि प्रशासन को इस ओर ध्यान देना चाहिए जहां जहां घाटों पर लोग स्नान करते हैं वहां सुरक्षा संबंधित सूचना बोर्ड लगाने चाहिए. जल पुलिस की तैनाती करनी चाहिये लेकिन प्रशासन ऐसा करने में नाकामयाब है और लोगो की मौत का जिम्मेदार भी बन जाता है.

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क्या बोलते हैं एसएसपी साहब ?

एसएसपी हरिद्वार का कहना है कि गंगा मैदानों में रौद्र रूप धारण कर लेती है. हर की पौड़ी  सहित कई घाट ऐसे हैं जहां हमने सूचना संकेतों के साथ साथ जल पुलिस की तैनाती भी की है. गंगा का दायरा बहुत बड़ा है जिसके चलते हम प्रत्येक जगह जल पुलिस की तैनाती नहीं कर सकते. अब ऐसे में लोगों को यही कहा जा सकता है कि सुरक्षित जगहों पर ही स्नान करें.

निश्चित रूप से देखा जाए तो गंगा मोक्ष दायिनी है लेकिन कुछ लोग मोक्ष दायिनी मां गंगा से मजाक कर स्नान करते हैं और अपनी जान गवां बैठते हैं जिस कारण मोक्ष दायिनी मां गंगा को हत्यारन कहा जाने लगा है. लेकिन जब गंगा अपने रौद्र रूप में होती है तो ऐसे में जिम्मेदारी प्रशासन और हरिद्वार के लोगों की भी बनती है कि गंगा में स्नान कर रहे लोगों पर ध्यान दिया जाए ताकि कोई अनहोनी न हो.

हरिद्वार/नरेश तोमर

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