मुंबई में 10 दिवसीय कौथिग का समापन, हिरा समधणी गीत पर देर रात तक झूमे प्रवासी 

January 29, 2019 | samvaad365

नवीमुंबई. मुंबई में 10 दिनों से चल रहे कौथिग महोत्सव का रविवार को रंगारंग समारोह के साथ समापन हो गया. मुंबई कौथिग की समापन संध्या में प्रकाश रावत ने भी अपनी प्रस्तुति दी. उत्तराखंड से आए प्रकाश रावत ने मंच पर हिरा समधणी गाकर कौथिग के समापन दिवस पर नाचने के इरादे से आए दर्शकों की मुराद पूरी कर दी. आज की अन्य प्रस्तुतियों में जहां नेहा खंखरियाल ने अपने गीतों पर लोगों की तालियां बटोरीं, वहीं हेमा नेगी करासी ने अपनी दूसरी प्रस्तुती में फिर धूम मचा दी. हेमा नेगी ने जैसे ही अपनी समुधुर आवाज में हे भेना कस के जों मैं द्वाराहाटा। गीत शुरू किया गांव के मेलों का माहौल मुंबई कौथिग में समा गया. हेमा के नान स्टाप गीतों पर नाच-गाने की ऐसी समा बंधी कि दर्शक और आयोजक देर रात की ध्वनि समय-सीमा तक झूमते रहे।

भोले जी महाराज और माता मंगला जी भी हुई शामिल

कौथिग के समापन अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में हंस फाउंडेशन के भोले जी महाराज और माता मंगला जी ने प्रवासियों के बीच दिव्य दर्शन दिए। माता मंगला जी ने कौथिग प्रांगण में उमड़े उत्तराखंडियों को सुख-समृद्धि का आशीर्वाद दिया। माता मंगला जी ने कहा कि प्रवासियों को जोड़ने और उत्तराखंड की संस्कृति को बचाने का यह अभियान निरंतर जारी रहेगा।

प्रवासी नहीं उत्तराखंडी कहें : रतन सिंह अस्वाल

समापन अवसर पर पलायन एक चिंतन के संयोजक रतनसिंह अस्वाल ने प्रवासियों के बीच अपने संबोधन में उत्तराखंड के पलायन पर चिंता व्यक्त की. अस्वाल ने राज्य सरकार के 2 लाख प्रति व्यक्ति आय के सरकारी आंकड़े पर निशाना साधते हुए कहा कि यदि हकीकत में हमारे उत्तराखंड की प्रति व्यक्ति आय 2 लाख होती तो इतनी संख्या में पहाड़ का युवा यहां मौजूद नहीं होता. अस्वाल ने उत्तराखंड के लोगों से अपील की कि वे अपने को प्रवासी कहना बंद कर दें। उन्होंने कहा आप प्रवासी नहीं, बल्कि उत्तराखंडी हैं, जो लापरवाह सरकारों की नीति से उत्तराखंड छोड़ शहरों की ओर भागने पर मजबूर हुए हैं. समापन के दिन मंच पर साहित्यकार हरिमृदुल पांडे, उद्यमी वासुदेव सेमवाल, देवचंद, रेखा खान, शिवसेना, मनसे के स्थानीय नेताओं ने भी प्रवासियों के बीच अपनी उपिस्थति दर्ज कराई. कौथिग को सफल बनाने कौथिग फाउंडेशन के अध्यक्ष हीरासिंह भाकुनी, कार्याध्यक्ष सुशील जोशी, संयोजक केशरसिंह बिष्ट, महासचिव तरुण चौहान, सरस्वती कुकरेती, कमला बडोनी, कुशलानंद अंथवाल, अनिल विंजोला, बलबंत पवार, सुरेंद्र बिष्ट, मनोज भट्ट, गोविंद आर्य, रणजीत बिष्ट, राजेंद्र रूपलाल, दीपक भट्ट, लक्ष्मण नेगी ने प्रमुख भूमिका निभाई।

कौथिग 2020 का ऐलान

कौथिग के समापन अवसर पर संयोजक केशरसिंह बिष्ट ने अगले वर्ष कौथिग 2020 की तिथियों की घोषणा की. मुंबई में कौथिग 2020 अगले साल 24 जनवरी से 2 फरवरी तक होगा।

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मुंबई/गोविंद आर्य

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