दस्तक पहाड़ की संस्था का संस्कृति के लिए अनूठा प्रयास, धूमधाम से मनाया फूलदेई पर्व, लोगों को बताया फूलों का महत्तव

March 22, 2022 | samvaad365

पहाड़ की विविध लोक सांस्कृतिकयों और परम्पराओं में सबसे अनूठा बच्चों का त्यौहार फूलदेई महोत्सव को अब अन्तराष्ट्रीय पहचान दिलाने की कवायाद शुरू हो गई। मंदाकिनी घाटी में बच्चों के सबसे अनूठे त्यौहार फूलदेई महोत्सव को जब साल 2009 में ‘दस्तक पहाड़ की’ संस्था ने प्रतियोगिता रूप में शुरू किया था तभी से इस त्यौहार को व्यापक पैमाने पर पहचान मिलने की नींव रख दी गई थी और बीते रविवार को जब दस्तक ने 12वां महोत्सव मानाया तो वास्तव में तस्वीरें देखकर मण्डलीय अपर निदेशक माध्यमिक शिक्षा महावीर सिंह बिष्ट ने इसे राज्य बाल महोत्सव घोषित करने की न केवल पैरवी कर दी बल्कि इसे अन्तर्राष्ट्रीय पहचान दिलाने की कोशिश करने अपील भी की।

रविवार को अगस्तमुनि के क्रीड़ा मैदान में दस्तक संस्था द्वारा 12वां फूलदेई महोत्सव का आयोजन किया गया जिसमें 50 से अधिक बच्चों की घोघा टीमों ने प्रतिभाग किया। जिसमें न केवल फूलदेई परम्परा और गीतों के जरिये इस त्यौहार पर चार चांद लगाये गये बल्कि ठेठ पहाड़ के पहनावे, लोक गीतों, को भी बच्चों द्वारा प्रदर्शित कर यहाँ की लोक परम्पराओं को जीवंत रखने का काम किया। राज्य बनने के बाद एक दौर ऐसा आ गया था जब बच्चों का यह अनूठा त्यौहार की परम्परा पहाड़ के गाँवों से एक तरह से विलुप्त सी होती दिख रही थी लेकिन दस्तक जैसी कई संस्थाओं के प्रयास से फूलदेई पर्व ने नई पहचान हासिल की है। अब पहाड़ के बच्चों के इस अनूठे पर्व को राज्य बाल महोत्सव के में घोषित किये जाने की कवायाद शुरू हो गई है। उम्मीद की जानी चाहिए कि निकट भविष्य में इसे पर्व को पूरे विश्व में एक नई पहचान मिल पाये।

संवाद365,डेस्क

 

 

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