हरिद्वार कुंभ 2021: संतों के बीच विवाद, परी अखाड़े ने की महिला संतों को सुविधा देने की मांग

November 27, 2020 | samvaad365

कुंभ का आयोजन होने में अब कुछ ही समय शेष है मेला प्रशासन की तरफ से मेले को भव्य बनाने की पूरी तैयारी की जा रही है. कुंभ मेला प्रशासन की तैयारियां भी अपने अंतिम चरण में चल रही हैं. 2021 कुंभ को प्रयागराज में हुए कुंभ की तरह भव्य और दिव्य बनाए जाने की बात कही जाती रही है. इसी कड़ी में अब प्रयागराज में हुए कुंभ की तर्ज पर महिला संतों के परी अखाड़े ने पुरुष अखाड़ों के संतों की तरह ही अलग से शाही स्नान और बाकी सुविधाएं दिए जाने की मांग की है.

परी अखाड़े की शंकराचार्य साध्वी त्रिकाल भवंता हरिद्वार पहुंचीं थी और उन्होंने मेला नियंत्रण भवन पहुंचकर अधिकारियों से बातचीत भी की थी. अब उनहोंने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद पर तीखी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि परी अखाड़ा पर सभी अखाड़ों की तरह ही है, अखिल भारतीय अखाडा परिषद के अध्य्क्ष नरेन्द्र गिरी को कोई हक नहीं की वे किसी भी संत को फ़र्ज़ी कहें. उनहोंने ये भी कहा की कुंभ मेले में पुरुष शंकराचार्य को जो भी सुविधा मेला प्रशासन द्वारा दी जाती है वह महिला शंकराचार्य को भी दी जानी चाहिए. साध्वी ने कहा की अपनी मांगों को लेकर हम मेला अधिकारी और अपर मेला अधिकारी से मुलाकात भी की है.

अब अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरी खुलकर साध्वी त्रिकाल भवंता के विरोध में आ गए हैं. नरेंद्र गिरी का कहना है कि परी अखाड़े की कोई मान्यता नहीं है. उनहोंने कहा की हमारी माताएं, बहने साध्वी हमारी परंपरा से हैं, उनहोंने साध्वी रितंभरा और उमा भारती का उदाहरण देते हुए कहा की ये भी परंपरा के अनुसार है साध्वी बनी हैं. उनहोंने कहा की त्रिकाल भवंता को अखाड़ा परिषद ने पहले ही फर्जी संत करार दिया है और हम चार ही पीठ के शंकराचार्य को जानते हैं इसके अलावा कोई भी शंकराचार्य लिखता है तो वह फर्जी है.

वहीं इस मामले में कुंभ मेले के अपर मेला अधिकारी हरवीर सिंह का कहना है कि परी अखाड़े की महिला संत ने हमसे मुलाकात की है और उनके द्वारा हमें 2021 कुंभ मेले को लेकर आवेदन पत्र दिया गया है जिसपर समय आने पर विचार किया जाएगा. उनहोंने कहा की इलाहाबाद कुंभ और हरिद्वार अर्ध कुंभ के स्तर पर इस मामले में निर्णय लिया जाए.

हिरद्वार कुम्भ को इलाहबाद कुंभ की तरह भव्य बनाने के लिए प्रयास किये जा रहे हैं जिसके लिए कई करोड़ खर्च कर सरकार बड़े प्रयास कर रही है तो वहीं अब संतो की आपसी लड़ाई सरकार की कशिशों पर कही कोई खलल ना डाल दे.

(संवाद 365/नरेश तोमर)

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