उत्तराखण्ड में 16472 लाभार्थियों को दिये गए आवास स्वीकृति पत्र , आवास बनने के बाद हर लाभार्थी को मिलेंगे पांच हजार रूपए

July 31, 2021 | samvaad365

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रधानमंत्री आवास योजना- ग्रामीण के अंतर्गत चिन्हित लाभार्थियों को आवास स्वीकृति पत्र सौंपे। सीएम कैम्प कार्यालय परिसर स्थित जनता दर्शन हॉल में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने प्रदेश के लाभार्थियों को प्रथम किश्त की राशि डीबीटी द्वारा ऑनलाईन जारी की। उन्होंने कार्यक्रम में सौ से अधिक लोगों को आवास स्वीकृति पत्र वितरित किए।मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण में प्रदेश के लाभार्थियों को आवास बन जाने के बाद सामान आदि के लिए पांच-पांच हजार रूपए दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार सबका साथ- सबका विकास- सबका विश्वास के ध्येय वाक्य के साथ सरकार नहीं बल्कि साझेदार के तौर पर काम कर रही है।

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प्रधानमंत्री जी ने योजनाओं का लाभ गरीबों तक पहुंचाया

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की योजनाएं समाज में अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति को सीधे लाभ पहुंचा रही है। पहले योजनाएं बनती थीं पर उसका लाभ पात्र लोगों तक नहीं पहुंचता था। परंतु प्रधानमंत्री जी ने दूरदर्शिता के साथ पहले सभी के जनधन योजना में खाते खुलवाए और अब उन खातों में डीबीटी द्वारा योजना की राशि सीधे लाभार्थी को दी जा रही है। स्वच्छ भारत मिशन, उज्ज्वला योजना, किसान सम्मान निधि आदि योजनाओं से करोड़ों भारतीयों को लाभ मिला है।मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि जलजीवन मिशन बहुत ही महत्वपूर्ण योजना है। इसमें हर घर को नल से जल पहुंचाने पर काम कर रहे हैं। राज्य में केवल एक रूपए में गामीण घरों में पानी का कनेक्शन दे रहे हैं। स्वच्छ जल हर व्यक्ति को मिलना ही चाहिए और सरकार उसी दिशा में काम कर रही है।

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प्रधानमंत्री आवास योजना- ग्रामीण फेज 2

अपर मुख्य सचिव मनीषा पंवार ने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण का शुभारम्भ वर्ष 2016 में किया गया। जिसका उद्देश्य सभी बेघर, कच्चे तथा जीर्ण-शीर्ण मकानों में रह रहे परिवारों को बुनियादी सुविधायुक्त पक्का आवास उपलब्ध कराया जाना है। प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के द्वित्तीय फेज में एस.ई.सी.सी- 2011 सर्वे में आवास की पात्रता सूची में सम्मिलित होने से छूटे हुए कुल 94286 परिवारों को आवास प्लस के माध्यम से चिन्हित किया गया है। जिसमें से 29142 अपात्र परिवारों को हटाने के पश्चात् वर्तमान में राज्य में कुल 65144 परिवार पीएमएवाई-जी हेतु पात्र पाए गए है। जिसमे कुल 2865 परिवार भूमिहीन (देहरादून 102, हरिद्वार 42, नैनीताल 68, पिथौरागढ़-3, ऊधमसिंह नगर-2662) है।

भारत सरकार द्वारा द्वितीय फेज में आवास प्लस सूची से वित्तीय वर्ष 2020-2021 हेतु 13399 लक्ष्य तथा वित्तीय वर्ष 2021-2022 हेतु 3073 लक्ष्य सहित कुल 16472 आवास निर्माण का लक्ष्य राज्य को आवंटित किया गया है। जिसमें कुल 2865 परिवार भूमिहीन (देहरादून 102, हरिद्वार 42, नैनीताल 68 पिथौरागढ़ 3, ऊधमसिंह नगर 2662) है।उपरोक्त प्राप्त 16472 आवास के लक्ष्यों की पूर्ति हेतु राज्य को रूपये 226.99 करोड धनराशि की आवश्यकता होगी। जिसके सापेक्ष भारत सरकार द्वारा वित्तीय वर्ष 2020-21 के लक्ष्य 13399 के लिए प्रथम किश्त रू0 60,000/- की दर से केन्द्राश कुल रू0 35.39 करोड़ तथा राज्यांश कुल रू०. 3.93 करोड़ सहित कुल रू0 39.32 करोड अवमुक्त किए गए है। वर्तमान में राज्य स्तर पर विगत अवशेष रू. 47.74 करोड़ एवं उक्त अवमुक्त रू. 39.32 करोड़ सहित कुल रु. 87.06 करोड़ की धनराशि उपलब्ध है। जिसे लाभार्थियों के खाते में आन-लाईन अवमुक्त किया जा रहा है। द्वित्तीय किश्त की धनराशि लाभार्थियों के खाते में शीघ्र प्रेषित की जायेगी।

 

प्रति आवास 1 लाख 30 हजार की अनुदान राशि

अपर सचिव एवं आयुक्त ग्राम्य विकास  वंदना ने बताया कि पीएमवाई-जी के तहत नये आवासों के निर्माण हेतु प्रति आवास अनुदान राशि 130,000.00 अनुमन्य है। जिसका भुगतान तीन किश्तों में यथा प्रथम किश्त रु 60,000, द्वित्तीय किश्त रु 40,000 एवं तृतीय किश्त रु 30,000 को ऑन-लाईन सीधे पात्र लाभार्थी के बैंक खाते में किया जाता है। इसके अतिरिक्त मनरेगा से लाभार्थी स्वयं के आवास निर्माण में 95 दिवस की मजदूरी प्रति दिवस रू. 204 की दर से कुल रू0 19.380/- प्राप्त कर सकता है तथा मनरेगा / स्वजल से शौचालय निर्माण हेतु रू. 12,000/- प्राप्त कर सकता है। इसके साथ ही लाभार्थी पेयजल सुविधा, उज्जवल गैस कनेक्शन विद्युत कनेक्शन की सुविधा भी प्राप्त कर सकता है।

 

प्रधानमंत्री आवास योजना- ग्रामीण प्रथम फेज

प्रथम फेज की जानकारी देते हुए बताया कि  एसईसीसी सर्वे 2011 में पात्र पाये गये 12662 परिवारों को आवास आंवटित किया गया है, जिसमें से 12425 आवासों को पूर्ण कराते हुए कुल रु. 169.87 करोड़ की धनराशि का व्यय किया गया है। प्रथम फेज के सभी 539 भूमिहीन परिवारों को भूमि पट्टा एवं आवास आवंटित किया जा चुका है। प्रथम फेज में कन्वर्जेन्स के माध्यम से लाभार्थी परिवार को स्वयं के आवास निर्माण में अकुशल मजदूरी हेतु मनरेगा से 95 मानव दिवस हेतु कुल 865811 मानय दिवस सृजित करते हुए कुल रु. 1510.68 लाख का व्यय किया गया है। इसके साथ ही मनरेगा / स्वजल से 12425 शौचालयों का निर्माण हेतु रु. 12,000/- की दर से कुल रु. 14.91 करोड़ का व्यय किया गया है। इसके अतिरिक्त कन्वर्जेन्स के तहत कुल 3920 परिवारों को उज्जवला गैस कनेक्शन की सुविधा प्रदान की गयी है। कुल 8113 लाभार्थियों को पेयजल सुविधा उपलब्ध करायी गयी तथा कुल 7733 लाभार्थियों को विद्युत कनेक्शन की सुविधा प्रदान की गयी है।

संवाद365,डेस्क

 

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