सर्दियों में अस्थमा के रोगी रखें अपना विशेष ख्याल: AIIMS ऋषिकेश

November 9, 2020 | samvaad365

ऋषिकेश: AIIMS ने शीतकाल के मद्देनजर अस्थमा रोगियों को विशेष सावधानी बरतने का सुझाव दिया है. संबंधित रोगियों को अलर्ट करते हुए बताया गया कि क्योंकि इस बार ठंड ने अपना असर समय से पहले दिखाना शुरू कर दिया है इसलिए रोगियों को सावधानी बरतनी चाहिए. AIIMS के पल्मोनरी मेडिसिन विभाग के विशेषज्ञ चिकित्सकों का कहना है कि ठंड और कोहरे की समस्या सबसे अधिक अस्थमा रोगियों के लिए नुकसानदेय है ऐसे में अस्थमा रोगियों को विशेष सतर्कता बरतने की आवश्यकता है.

एम्स निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत ने बताया कि कोरोना संकट के मद्देनजर अस्थमा रोगियों को अपने स्वास्थ्य के प्रति विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता है उनहोंने कहा की ऐसे रोगियों को मास्क पहनने में हरगिज लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए. प्रो. रवि कांत ने बताया कि ठंड और कोहरे के कारण वायुमंडल में जल की बूंदें संघनित होकर हवा के साथ मिल जाती हैं. यह हवा जब सांस के माध्यम से शरीर के अंदक जाती है तो सांस की नलियों में ठंडी हवा जाने से उनमें सूजन आने लगती है. ऐसे में अस्थमा के रोगी गंभीर स्थिति में आ जाते हैं इसलिए उन्होंने मास्क के इस्तेमाल को इस समस्या से बचने का सबसे बेहतर उपाय बताया

वहीं पल्मोनरी मेडिसिन विभागाध्यक्ष डॉ गिरीश सिंधवानी ने भी बताया की अस्थमा किसी भी व्यक्ति को और किसी भी उम्र में हो सकता है. उनहोंने जानकारी देते हुए बताया की अस्थमा संक्रमण से नहीं फैलता है यह एलर्जी से होने वाली बीमारी है. जिसका समय पर उपचार नहीं कराने से मरीज की सांस फूलने लगती है और दम घुटने के कारण उसे अस्थमा अटैक पड़ जाता है.

डॉ सिंधवानी ने सुझाव दिया कि अस्थमा के रोगी नियमिततौर से दवा लेना नहीं भूलें। उन्होंने आगाह किया कि बीच-बीच में दवा छोड़ने से यह बीमारी घातकरूप ले लेती है। उनहोंने बताया कि लोगों में भ्रांति है कि इनहेलर का उपयोग केवल संकट के समय ही किया जाता है। जबकि यह तर्क पूरी तरह से गलत है। विशेषज्ञ चिकित्सक ने बताया कि इनहेलर का उपयोग अस्थमा के रोगी को नियमिततौर से करना चाहिए। इस बीमारी में इनहेलर सबसे उत्तम उपाय है। इससे बचना, नुकसानदेह होता है। उन्होंने बताया कि ऋषिकेश एम्स में इस बीमारी की सभी तरह के परीक्षण और उपचार की बेहतर सुविधाएं उपलब्ध हैं।

चलिए जानते हैं अस्थमा के प्रमुख लक्षणों, कारणों और इसके बचाव के बारे में

अस्थमा के प्रमुख लक्षण हैं-

खांसी, जुकाम, छींकें आना, सांस फूलना,

सांस लेते समय सीटी जैसी आवाज आना आदि

अस्थमा रोग को बढ़ाने वाले कारण-

ठंड, कोहरा, धुंध, धुवां, धूल, प्रदूषण, संक्रमण, पेंट की गंध, परागकण। इसके अलावा बंद घरों के भीतर रहने वाले पालतू कुत्ते और बिल्लियों के बालों से भी अस्थमा मरीजों की परेशानियां बढ़ जाती हैं।

अस्थमा से बचाव के उपाय-

फ्रिज का पानी, ठंडी और बासी चीजों का सेवन बिलकुल ना करें

साथ ही सर्दी से बचाव के सभी जरुरी उपाय जैसे गर्म कपड़े पहनना, धूप आने से पहले बाहर नहीं निकलना, कमरों के भीतर बैठने के बजाय धूप में बैठना आदि को अपनी दिनचर्या में शामिल करें। धूप में विटामिन डी प्रचुर मात्रा में होता है और यह जनरल बूस्टर का कार्य करते हुए शरीर की इम्यूनिटी क्षमता को बढ़ाता है। इसके अलावा ग्रसित मरीज दवा का सेवन नियमित तौर पर करें।

(संवाद 365/डेस्क)

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