रूद्रप्रयाग में पीएमजीएसवाई विभाग की शायद ही कोई ऐसी सड़क हो जो विवादों में न रही हो। एक ऐसी ही सड़क बावई-फलासी मोटर मार्ग है जिसमें पीएमजीएसवाई विभाग नियम कायदों को ताक पर रखकर काम किया जा रहा है। यहाँ भारत सरकार से बिना विधिवत स्वीकृति और वन विभाग की अनुमति के ही पीएमजीएसवाई ने 2 किमी से अधिक सड़क काट दी। जबकि बावई गाँव से बिना एनओसी लिए ना केवल सौ मीटर से अधिक उनका जंगल काट दिया बल्कि सैकड़ों हैक्टेयर क्षेत्र में बेतरतीब सड़क निर्माण का मलबा भी डाल दिया है। जिस कारण यहां हजारों बाँज, बुराँस, काफल सहित विभिन्न प्रजातियों के सैकड़ो पेड़ खत्म हो गए।
उधर दूसरी तरफ मोटर मार्ग के निर्माण में कहीं भी डम्पिंग जोन नहीं बनाया गया है, सड़क कटिंग क मलबा फलासी, कुण्डा और बावई गांव के जंगलों में डाला जा रहा है जिस कारण हजारों पेड़ों के साथ ही ग्रामीणों के चारे-घास का भी नुकसान हो रहा है। जबकि बेतरतीफ काटी जा रही इस सड़क निर्माण के कारण कई भूस्खलन भी यहां तैयार हो गए हैं।
पीएमजीएसवाई के अधिशी अभियंता कमल सिंह सजवाण इस विषय पर कुछ भी कहने से बचते नजर आ रहे हैं जबकि इस सड़क का निर्माण कार्य की मॉनीटरिंग कर रहे अपर सहायक अभियंता भूपेन्द्र सौंरियाल विभाग की कहीं कोई गलती नहीं मानते हैं। उनका मत है कि भविष्य में इस पर कोई जाँच होती है तो जिम्मेदारी ठेकेदार और विभागीय एक्शन की होगी। साफ है पहले विभाग खुद सड़क को कटवाते हैं और बाद में उसे ठकेदार के मथे थोप देते हैं। बहरहाल वन विभाग ने इस मोटर मार्ग निर्माण पर फिलहाल रोक लगा दी है और जाँच शुरू कर दी है।
संवाद365,पंकज भट्ट