रूद्रप्रयाग: रूद्रप्रयाग जिले के उखीमठ ब्लाॅक के अंतिम गांव गौंडार में पिछले तीन सप्ताह से अंधेरा पसरा हुआ है. गांव में उरेड़ा विभाग द्वारा 100 किलोवाट का पावर हाॅउस बनाया गया है. जिससे गांव को विद्युत आपूर्ति होती है. लेकिन तीन सप्ताह पूर्व हुई भारी मूसलाधार बारिश के कारण उरेडा की जलविद्युत परियोजना की नहर पूर्णतः क्षतिग्रस्त हो गई है. जिससे गांव में 10 दिनों से अंधेरा पसरा हुआ है. गांव में 70 से ज्यादा परिवार निवास करते हैं. लेकिन विद्युत आपूर्ति न होने के कारण लालटेन की रोशनी से अपनी रात गुजार रहे है. हर बार सेंचुरी एरिया का हवाला देकर इस गांव को बिजली से वंचित रखा जाता है. दो वर्ष पूर्व उरेड़ा विभाग ने 100 वाट की जल विद्युत परियोजना के जरिए इस गांव को पहली बार बिजली की रोशनी से जगमग तो किया था लेकिन हर बरसात के समय भूस्खलन के कारण नहर क्षतिग्रस्तम हो जाती है और उरेड़ा की लौ बुझ जाती है. ऐसे में जहां स्कूली बच्चों की पढाई प्रभावित हो रही हैं वहींरात के समय जंगली जानवरी का भारी खतरा बना रहता है. इधर विभाग के पास नहर ठीक करने के लिए बजट नहीं है. विभाग द्वारा शासन को प्रस्ताव बनाकर भेज दिया गया है. बजट मिलने पर ही नहर ठीक हो पायेगी.
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संवाद365/कुलदीप राणा