एक राज्य एक राजधानी स्थाई राजधानी गैरसैंण को लेकर प्रवीण काशी ने गांधी पार्क, देहरादून में आमरण अनशन की शुरुआत की। प्रवीण काशी ने कहा कि उन्हें आशा थी कि नौजवान मुख्यमंत्री जो खटीमा से आते हैं इस सत्र में गैरसैंण को स्थाई राजधानी घोषित करेंगे पर मुख्यमंत्री धामी ने वहाँ सत्र कराना भी मुनासिब नहीं समझा। प्रवीण काशी ने कहा कि बहुत दुःख हुआ जब नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह जी ने भी गैरसैंण की बात सदन मे नहीं उठाई। एक राज्य में दो राजधानी जनता के टैक्स के पैसे की बर्बादी के सिवाय कुछ भी नहीं। जहाँ बेरोजगारी, महंगाई, स्वास्थ्य, शिक्षा, सडक, बिजली जैसी बुनियादी सुविधाओं से जनता जूझ रही वहां यह पहाड़ विरोधी, उत्तराखंड और जन विरोधी सरकार दो राजधानी पर जनता का पैसा खर्च कर रही।
वहीं आंगनबाड़ी के अध्यक्ष रेखा नेगी ने कहा कि पहाड़ का एक भी विधायक गैरसैंण की बात नहीं कर रहा। पहाड़ से आने वाले विधायकों को गैरसैंण मे ठंड लग रही। समाजसेवी अरविंद हटवाल ने कहा पलायन रोकने के लिए पूरी सरकार को गैरसैंण मे बैठना होगा अन्यथा पलायन आयोग झूठ के पिटारा के अलावा कुछ नहीं। राज्य आंदोलन कारी गुरदीप कौर ने गैरसैंण स्थाई राजधानी नहीं बनना शहीदों का अपमान बताया। ए. डी. आर. के संयोजक मनोज ध्यानी ने बताया कि भ्रष्ट नेता कभी भी गैरसैंण को स्थाई राजधानी नहीं बनाएंगे। आमरण अनशन को समर्थन देने रविंद्र प्रधान, मदन भंडारी, विनोद गैरोला हेमचंद्र तिवारी, आदि उपस्थित रहे। आंदोलन को उग्र करने की बात सभी आंदोलनकारियों ने की ।
संवाद365,डेस्क