शिक्षक दिवस विशेष : शिक्षक की शिक्षा मानवता का पाठ पढ़ाए, शिक्षक सभी में राष्ट्र प्रेम का भाव जगाए , पढ़े सतेन्द्र शर्मा की कविता

September 5, 2021 | samvaad365

माँँ उँगली पकड़कर आँगन में दौड़़ाए।
पिता दुनिया की राह पर चलना सिखाए।।
शिक्षक की शिक्षा मानवता का पाठ पढ़ाए,
शिक्षक सभी में राष्ट्र प्रेम का भाव जगाए।।

मिट्टी के पुतले को मानव बना देती है शिक्षा।
मानव को धरा से गगन पर बैठा देती है शिक्षा।।
शिक्षा का आंचल जिसने थाम लिया हृदय से,
शीर्ष स्थान जग में उसको दिला देती हैं शिक्षा।।

जड़ आकृति को चेतन कर सुन्दर प्रस्तुति बनाए।
कोरे कागज को ज्ञान देकर सार्थक उत्पत्ति बनाए।।
नमन-वन्दन है शिक्षक दिवस पर सभी शिक्षकों को,
शिष्यों को जीवन-सार देकर एक व्यक्ति बनाए।।

मस्तिष्क का कोना-कोना ज्ञान से रिक्त होता है।
हृदय का कतरा-कतरा भावों से रहित होता है।।
प्रताप शिक्षक की शक्ति का मिलता जब मानव को,
ज्ञान-भाव से युक्त कर सार्थक उत्पत्ति बन जाए।।

सद्भभाव, सद्कार्य, सदाशयता अरु सदाचार।
शिक्षक सभी मानवीय गुणों से परिपूर्ण कराये।।
जग में सर्वोपरि स्थान देश के स्वाभिमान का,
शिक्षक वही जो राष्ट्र पर गौरव करना सिखाए।।

सतेन्द्र शर्मा ‘तरंग’
११६, राजपुर मार्ग,
देहरादून

संवाद365,डेस्क

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