शनिवार को जम्मू-कश्मीर के राजौरी में हुए आइईडी बम धमाकें की चपेट में आकर शहीद हुए मेजर चित्रेश बिष्ट का पार्थिव शरीर उनके घर पहुंचा। सुबह साढ़े आठ बजे शहीद का पार्थिव शरीर उनके निवास नेहरू कालोनी देहरादून पहुंचा। सैन्य काफिले के साथ पहुंचे पार्थिव शरीर को देखते ही शहीद के पिता रिटायर्ड पुलिस इंस्पेक्टर एसएस बिष्ट, शहीद की मां और शहीद के बड़े भाई नीरज का रो-रो कर बुरा हाल हो गया।
इस दौरान मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट समेत कई मंत्री, विधायक, सेना, शासन प्रशासन के आला अधिकारी मौजूद रहे। वहीं सैन्य सम्मान के साथ शहीद को अंतिम विदाई दी गई। इस दौरान लोगों ने भारत माता की जय, पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगाए।
इसके बाद शहीद की अंतिम यात्रा को हरिद्वार के लिए ले जाया गया। जहां उनकी अंतिम संस्कार किया जाएगा।
साल 2010 में भारतीय सैन्य अकादमी से पास आउट मेजर बिष्ट सेना की इंजीनियरिंग कोर में तैनात थे।
सात मार्च को चित्रेश की शादी थी और कार्ड भी बंट चुके थे। दरअसल जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले के लाह्म सेक्टर में एक IED को defuse करते वक्त उनकी जान चली गयी। सूत्रों के मुताबिक ये विस्फोटक इस्लामिक संगठनों ने LOC के 1.5 किमी अन्दर प्लांट किया था।
सेना को LOC के आसपास विस्फोटक होने की सूचना मिली थी, जिसे ढूंढ कर आई.ई.डी. को डिफ्यूज किया जाना था। IED मिलने के बाद उत्तराखंड के मेजर चित्रेश बिष्ट उसे डिफ्यूज कर रहे थे कि धमाका हो गया। शहीद मेजर चित्रेश की इस कुर्बानी को देश हमेशा याद रखेगा।
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देहरादून/काजल