उत्तराखंड को हुनर की खान कहना गलत नहीं होगा। यहां प्रतिभाओं का मिलजुला समावेश हर क्षेत्र और हर वर्ग के लोगों में देखने को मिलता है। हाल ही में चंपावत के राजकीय इंटर कॉलेज में आठवीं कक्षा में पढ़ने वाले नीरज कुमार ने अपने हुनर के जरिए ऐसा काम कर दिखाया है, जिसके लिए उन्हें राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा सम्मानित किया गया है।
दरअसल, एक गांधीनगर में फेस्टिवल ऑफ इनोवेशन एंड इंटरप्रेनरशिप कार्यक्रम आयोजित कराया गया था। जिसमें नीरज कुमार ने ऑटोमैटिक वाटर टैंक प्रोजेक्ट तैयार किया था, जिसके लिए उन्हें राष्ट्रपति ने फेस्टिवल ऑफ इनोवेशन एंड इंटरप्रेनरशिप सम्मान से नवाजा। ऑटोमैटिक वाटर टैंक प्रोजेक्ट एक जल संरक्षण का ऑटोमैटिक तरीका। इसके जरिए उन इलाकों में पानी की कमी दूर होगी, जहां वास्तव में लोग पानी की बूंद बूंद के लिए तरस रहे हैं। लकड़ी का ये टैंक पानी के आम टैंक से अलग है। इसके भीतरी हिस्से में वाटर टैंक बना है और बाहर की तरफ नल लगा हुआ है। इसके साथ ही इस टैंक में एक प्रेशर-पैड भी बनाया गया है। प्रेशर-पैड पर पांवों की मदद से दबाव डाला जाता है। जिससे फौरन नल से पानी निकलने लगता है। दबाव के हटते ही पानी निकलना बंद हो जाता है। खास बात ये भी है कि दिव्यांग जन भी पांव के दबाव से इस टैंक का उपयोग कर सकते हैं। सबसे अच्छा ये है कि इससे पानी की बर्बादी भी रुकेगी। कुछ नया करने की चाह देवभूमि के हर युवा हर बच्चे में हैं बस जरूरत है तो सिर्फ एक सही दिशा और मार्गदर्शन की।
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देहरादून/काजल