वो जाते-जाते भी देश की सेवा कुछ अलग अंदाज में कर गए, और अपने देश को अपना कर्जदार बना गए। एक सिपाही जो दिन रात अपना सुकून छोड़ सरहद पर देश की सेवा करता है और अपने देश के लिए अपने प्राणों की आहूति दे देता है, ऐसे ही एक सैनिक हम सभी को अलविदा कहकर दुनिया से बहुत दूर चले गए हैं। लेकिन वो जाते-जाते भी इंसानियत की एक नई मिसाल पेश कर गए हैं।
दरअसल, शुक्रवार को देहरादून में ब्रेन डेड फौजी ने अंतिम सांस ली, लेकिन अपने अंतिम सफर पर जाने से पहले वो पांच लोगों को नई जिंदगी दे गए। उन्होंने अपनी किडनी, लीवर और दोनों आंखें दान कर इन पांच लोगों को दोबारा नई जिंदगी दे दी।
गैरतलब है कि शुक्रवार को फौजी की मौत हो गई थी, जिसके बाद आर्मी हॉस्पिटल दिल्ली से रिसर्च व रेफरेल विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम वायुसेना के विशेष विमान से देहरादून पहुंची थी। इसके बाद आर्मी, ट्रैफिक पुलिस और स्थानीय पुलिस की मदद से ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया, ताकि फौजी के अंगों को सही समय पर दिल्ली पहुंचाया जा सके, जहां ये जरूरतमंद लोगों में प्रत्यारोपित किए जाने थे। वहां पांच मरीजों को यह अंग ट्रांसप्लांट कर दिए गए। ये प्रक्रिया महज 85 मिनट में पूरी हुई। आपको बता दें कि पांच महीने पहले भी इसी तरह ग्रीन कॉरिडोर बनाकर मृत मरीज के अंगों को दून से दिल्ली पहुंचाया गया था। बहरहाल एक फौजी ने जाते-जाते भी अपने देश के लोगों को जिंदगी देकर एक नई मिसाल कायम की है। संवाद 365 सलाम करता है सैनिकों के दिलेर जज्बे को।
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देहरादून/काजल